delhi.मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए शिक्षकों के चयन के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सरकारी स्कूलों के शिक्षक अब शिक्षकों के राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए सीधे तौर पर अपनी प्रवष्टियां भेज सकते हैं। यह एक नई पहल है। इससे पहले प्रवष्टियों का चयन राज्य सरकार द्वारा किया जाता था। शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार देने का उद्देश्य देश में कुछ बेहतरीन शिक्षकों के अनूठे योगदान का उत्सव मनाना और वैसे शिक्षकों को सम्मानित करना है जिनके संकल्प से न केवल स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है बल्कि उनके विद्यार्थियों का जीवन भी समृद्ध हुआ है।
-पुरस्कारों पर विचार के लिए शिक्षकों की पात्रता शर्तें :
निम्नलिखित श्रेणियों के अंतर्गत प्राथमिक/मिडिल/उच्च/उच्च माध्यमिक स्कूलों के शिक्षक और स्कूलों के प्रमुख:
राज्य सरकार/केन्द्रशासित प्रशासन द्वारा चलाए जाने वाले स्कूल, स्थानीय निकायों के स्कूल, राज्य सरकार तथा केन्द्रशासित प्रशासन के सहायता प्रदत्त स्कूल
केन्द्र सरकार के स्कूलों यानी केंद्रीय विद्यालय (केवी), जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी), तिब्बती लोगों के केन्द्रीय विद्यालय (सीटीएसए), रक्षा मंत्रालय के सैनिक स्कूल, परमाणु ऊर्जा शिक्षा सोसायटी (एईईएस) के स्कूल
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध स्कूल
उपरोक्त ((क) तथा (ख) के अतिरिक्त)
काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल्स सर्टिफिकेट एक्जामिनेशन (सीआईएससीई) से संबद्ध स्कूल ((क), (ख) तथा (ग) के अतिरिक्त))
सामान्य रूप से सेवा निवृत्त शिक्षक पुरस्कार के पात्र नहीं होते, लेकिन कैलेंडर वर्ष (कम से कम छह महीनों के लिए यानी जिस वर्ष का राष्ट्रीय पुरस्कार है उस वर्ष के 30 अप्रैल तक) के हिस्से में सेवा देने वाले शिक्षक की पात्रता पर विचार किया जाएगा बशर्ते ऐसे शिक्षक अन्य शर्तें पूरी करते हैं।
शैक्षिक प्रशासकों, शिक्षा निरीक्षकों तथा प्रशिक्षण संस्थान के कर्मी इन पुरस्कारों के पात्र नहीं हैं।
शिक्षक/हेडमास्टर ट्यूशन की गतिविधि में शामिल नहीं होने चाहिए।
केवल नियमित शिक्षक और स्कूल के प्रमुख पात्र होंगे।
संविदा शिक्षक और शिक्षा मित्र पुरस्कार के पात्र नहीं होंगे।
विभिन्न स्तरों पर शिक्षकों के चयन को निर्देशित करने पर विचार:
संलग्नक – I में दिए गए मूल्यांकन मैट्रिक्स के आधार पर शिक्षकों का मूल्यांकन होगा। मूल्यांकन मैट्रिक्स में मूल्यांकन के लिए मानक के दो प्रकार हैं:
वस्तुनिष्ठ मानक:इसके अंतर्गत प्रत्येक वस्तुनिष्ठ मानक के लिए शिक्षकों को अंक दिए जाएंगे। इस मानक में 100 में से 20 भारांक दिया जाता है।
कार्य प्रदर्शन पर आधारित मानक: इसके अंतर्गत शिक्षकों के कार्य प्रदर्शन पर अंक दिए जाएंगे। इन कार्य प्रदर्शनों में शिक्षा ग्रहणों में सुधार की पहल, किए गए नवाचारी प्रयोग, अतिरिक्त और पाठ्यक्रमों से संबंधित गतिविधियों का आयोजऩ टीचिंग लर्निंग सामग्री का उपयोग, सामाजिक सक्रियता, प्रयोगात्मक लर्निंग सुनिश्चित करना तथा विद्यार्थियों को शारीरिक शिक्षा सुनिश्चित करने के उपाय शामिल हैं। इन मानकों को 100 में से 80 भारांक दिया जाता है।
-आवेदन और चयन के लिए प्रक्रिया
सभी आवेदन ऑनलाइन वेबपोर्टल के माध्यम से प्राप्त किए जाएंगे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की समग्र रेख-देख में सीआईईटी, एनसीईआरटी की सहायता से पोर्टल का विकास तथा प्रबंधन कार्य भारतीय प्रशासनिक स्टॉफ कॉलेज (एएससीआई) द्वारा किया जाएगा।
एएससीआई पोर्टल में समय से प्रविष्टि तथा पोर्टल में डाटा एंट्री के दौरान तकनीकी और संचालन कठिनाइयों का समाधान के लिए राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के साथ समन्वय सुनिश्चित करेगा।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय पोर्टल के विकास और रख-रखाव का पूरा खर्च वहन करेगा।
राज्य/केन्द्रशासित प्रदेशों के मामले में शिक्षक और स्कूलों के प्रमुख निर्धारित तिथि से पहले वेबपोर्टल के माध्यम से स्वयं ऑनलाइन आवेदन भर कर सीधे तौर पर आवेदन कर सकते हैं।
प्रत्येक आवेदनकर्ता एंट्री फॉर्म के साथ ऑनलाइन पोर्टफोलियो प्रस्तुत करेंगे। इस पोर्टफोलियो में दस्तावेज, उपकरण, गतिविधियों की रिपोर्ट, फील्ड दौरा, फोटो, ऑडियो या वीडियो आदि शामिल होंगे।
आवेदन द्वारा हलफनामा: प्रत्येक आवेदनकर्ता हलफनामा देंगे कि उनके द्वारा दी गई सभी सूचना/डाटा उनकी जानकारी में सही है और यदि कोई जानकारी किसी भी समय गलत पाई जाती है तो आवेदनकर्ता के विरुद्ध अनुशासन की कार्यवाई की जाएगी।