नई दिल्ली। भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की संरक्षणवादी नीतियों पर शनिवार को अपनी प्रतिक्रिया दी। मित्तल ने कहा कि पिछले कुछ समय से अमरीका, आस्ट्रेलिया, सिंगापुर सरीखे देश अपने वीजा नियमों में बदलाव कर रहे हैं। ये देश अपने एच1एन1 वीजा नियमों को सख्त बनाने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में अब क्या भारत को भी फेसबुक, गूगल और व्हाटसएप्प को नकार देना चाहिए क्योंकि वे अमरीकी कंपनियां हैं। उन्होंने कहा कि आप ऐसी स्थिति में रह नहीं सकते कि एक ओर फेसबुक, व्हाट्सएप्प और गूगल के 35 करोड़ से अधिक कस्टमर हों, हमें क्या यह करना चाहिए कि हम फेसबुक और गूगल का भारत में संचालन नहीं चाहते खुद के एप्स हमारे पास हैं। हालांकि अमरीका की संरक्षणवादी नीतियां चिंताजनक नहीं है। क्योंकि उनका बिजनस पूरी तरह भारतीय बाजार पर आधारित है, लेकिन जब ये विदेशी कंपनियां भारत में बड़ा मुनाफा कमा रही हों तो भारत के लोगों को यहां के कामगारों को अमरीका जाने से रोकना बिल्कुल गलत है अनुचित है। मित्तल ने कहा कि आपके सामने ऐसे हालात पैदा हो जाए कि अर्थव्यवस्था को गति देने वाले कुशल कामगारों के प्रवेश पर ही पाबंदी लगा दी जाए या फिर भारत की कंपनियों को सिर्फ इस वजह से खास सैलरी देने के लिए मजबूर किया जाए कि वे उन देशों में प्रतिस्पर्धा के लायक बचें ही नहीं तो ऐसे में मेरी राय तो यह है कि यह उन कंपनियों के खिलाफ अनुचित कदम है, जो अमरीका में व्यापार करना चाहती है। मित्तल ने कहा कि क्या इन कंपनियों को भारत में तब भी व्यापार करने संचालन की अनुमति मिलनी चाहिए, जब भारतीय कंपनियों के पास इसी तरह के एप्प हों?

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