HPCL-Corruption-case

चेन्नई। अवैध टेलीफोन एक्सचेंज मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन और उनके भाई कलानिधि मारन की ओर से दायर आरोपमुक्ति याचिका पर सीबीआई ने आज कड़ा विरोध जताया। सीबीआई मामलों के अतिरिक्त न्यायाधीश एस नटराजन के समक्ष मामला आने पर जांच एजेंसी ने मारन बंधुओं द्वारा पेश इस आरोपमुक्ति याचिका का कड़ा विरोध किया। सीबीआई अपनी इस बात पर कायम रही कि उनके खिलाफ लगाये गये सभी आरोपों के संबंध में ठोस एवं लिखित साक्ष्य मौजूद हैं। सीबीआई चाहती है कि विशेष अदालत दोनों की ओर से पेश आरोपमुक्ति याचिका खारिज करे और उसने एक अतिरिक्त हलफनामा भी दायर किया।

सीबीआई की ओर से दायर अतिरिक्त हलफनामे पर जवाब देने के लिये मारन बंधुओं के वकील के अतिरिक्त समय मांगने के बाद न्यायाधीश ने सुनवाई स्थगित कर दिया और मामले में अगली सुनवाई के लिये 21 नवंबर की तारीख तय की। शुक्रवार को अदालत ने पेशी से छूट की मांग वाली दोनों की अर्जी मंजूरी कर दी थी। जांच एजेंसी के अनुसार जून 2004 से दिसंबर 2006 के दौरान बतौर केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री दयानिधि मारन ने कथित रूप से अपने पद का गलत इस्तेमाल किया और चेन्नई स्थित अपने घर पर एक निजी टेलीफोन एक्सचेंज की स्थापना की तथा इसका इस्तेमाल सन नेटवर्क से संबंद्ध कारोबारी लेन देन के लिये किया। इसने बताया कि इसके कारण सरकारी खजाने को 1.78 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

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