नई दिल्ली। सुकमा में सीआरपीएफ जवानों पर नक्सलियों ने नृशंस हमला किया था। हमले में शहीद हुए जवानों के शवों से कायराना हरकत की गई। नक्सली हमले में शामिल महिलाओं ने शहीदों के शवों से जो छेड़छाड़ की, उसने पूरी मानव जाति को शर्मशार कर दिया। घटनास्थल से बरामद शवों में 6 जवानों के शव इस तरह के मिले जिनके गुप्तांग महिला नक्सलियों ने काट दिए थे। यह वाकया देखकर खुद मौके पर पहुंचे सीआरपीएफ के अधिकारी एक बारगी तो सकते में आ गए। जिसने भी शहीदों के शवों की स्थिति देखी, उनकी आंखें इस बर्बरता को देख गुस्से से लाल हो गई। वहीं ग्रामीणों ने तीन जवानों के शव जलाने की पुष्टि भी की। गौरतलब है कि सोमवार की दोपहर गश्त के बाद थके हार सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के जवान बारी-बारी से भोजन कर रहे थे। तभी नक्सलियों ने घात लगाकर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इस दौरान नक्सलियों ने 10 राउंड अंडर बैरल गैनेड लॉचर्स भी दागे। जिसमें 25 जवान व अधिकारी शहीद हो गए। शाम करीब 4.45 बजे बैकअप पार्टी पहुंची। इस दरम्यान करीब पौने दो घंटे के अंतराल में महिला नक्सलियों ने मौत का तांडव मचाया। महिला नक्सलियों ने धारदार हथियारों से जवानों के अंगों को काटने की वारदात को अंजाम दिया। बता दें बुरकापाल हमले में महिला नक्सलियों की संख्या एक तिहाई थीं, ऐसे में इस बात को बल मिल रहा है। इससे पहले भी वर्ष 2007 में रानीबोदली में जवानों के कैंप पर हमला हुआ था। जिसमें 55 जवान शहीद हुए थे। उस दरम्यान भी जवानों के सिर धड़ से अलग कर दिए थे। जबकि झीरम-2 नाम से चर्चाओं में आए टाहकवाड़ा मुठभेड़ में शहीद जवानों के शवों को गोदा गया था।
पेड़ों पर चढ़े, दागी गोलियां
घटना के प्रत्यक्षदर्शी जवान मनोज कुमार ने बताया कि बुरकापाल कैंप से जवानों की टीम निर्माणाधीन पुलिया की सुरक्षा को लेकर सर्च ऑपरेशन पर निकली थी। तभी उन्हें रास्ते में लाल साड़ी पहने कुछ ग्रामीण महिलाएं तेंदूपत्ता व आम तोड़ती नजर आई। उस दरम्यान ऐसा लगा कि वे उनकी रैकी कर रही है। हालांकि उन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और जवान खाना खाने में लग गए। तभी नक्सलियों ने उन्हें घेर लिया और पेड़ों पर चढ़कर 15 फीट की ऊंचाई से फायरिंग की। नक्सलियों ने तीर बम भी चलाए। इधर केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा अब सरकार अपनी रणनीति पर विचार कर रही है। इसी को लेकर अब 8 मई को नक्सल प्रभावित राज्यों की दिल्ली में बैठक में बुलाई गई है। यदि जरुरत पड़ी तो केन्द्र अब रणनीति में बदलाव भी करेगा।

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