– पीएम मोदी ने पिथौरागढ़ में कैलाश व्यू पॉइंट से आदि कैलाश के दर्शन किए
पिथौरागढ़. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक दिन का उत्तराखंड का दौरा किया। यहां उन्होंने सबसे पहले पिथौरागढ़ में कैलाश व्यू पॉइंट से आदि कैलाश के दर्शन किए। फिर भारत-चीन सीमा से सटे गुंजी गांव गए। बाद में अल्मोड़ा में जागेश्वर धाम पर माथा टेका। दिन के अंत में पीएम ने पिथौरागढ़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा हमने सीमावर्ती गांवों को अंतिम नहीं, बल्कि देश के पहले गांव के रूप में विकसित करना शुरू किया है। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत, ऐसे ही सीमावर्ती गांवों का विकास किया जा रहा है। ये काम पहले की सरकारों द्वारा भी किया जा सकता था। लेकिन पहले की सरकारों ने इस डर से बॉर्डर एरिया का विकास नहीं किया कि कहीं दुश्मन इसका फायदा उठाकर अंदर ना आ जाए। आज का नया भारत, पहले की सरकारों की इस डरी हुई सोच को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है। मोदी बोले दूर पहाड़ों पर जो लोग रहते हैं हमने उनकी भी चिंता की इसलिए सिर्फ 5 साल में देश में साढ़े 13 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए। ये इस बात का उदाहरण है कि भारत अपनी गरीबी मिटा सकता है। पीएम ने कहा पहले नारा दिया जाता था कि गरीबी हटाओ, मोदी कह रहा है कि हम मिलकर गरीबी हटाकर रहेंगे। हम जिम्मेदारी लेते हैं और जी-जान से जुट जाते हैं। हाल ही में देश ने लोकसभा और विधानसभा में 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। दशकों से लंबित ये काम आपका भाई और आपका बेटा कर पाया है। पीएम ने सुबह 9 बजे पिथौरागढ़ में कैलाश व्यू पॉइंट से आदि कैलाश के दर्शन किए। यह व्यू पॉइंट जोलिंगकोंग इलाके में है जहां से कैलाश पर्वत साफ नजर आता है। इसके लिए अब चीन के कब्जे वाले तिब्बत जाने की जरूरत नहीं होगी। इसके साथ ही पीएम ने पार्वती कुंड में पूजा-अर्चना की। यहां से 20 किलोमीटर दूर चीन की सीमा शुरू हो जाती है। नरेंद्र मोदी देश के पहले पीएम हैं, जिन्होंने उत्तराखंड से लगी भारत-चीन सीमा पर आदि कैलाश पर्वत का दर्शन किया। कैलाश दर्शन के बाद मोदी उत्तराखंड में धारचूला से 70 किमी दूर और 14000 फीट ऊपर बसे गुंजी गांव पहुंचे। यहां उन्होंने स्थानीय लोगों से मुलाकात की। यह गांव अगले दो साल में बड़े धर्म नगर शिव धाम के रूप में विकसित हो जाएगा। कैलाश व्यू प्वाइंट, ओम पर्वत और आदि कैलाश के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं का धारचूला के बाद यही सबसे बड़ा और अहम पड़ाव होगा। यहां बड़े यात्री निवास, होटल बनेंगे। भारतीय टेलीकॉम कंपनियों का नेटवर्क भी मिलेगा। गांव में होम स्टे बढ़ाए जाएंगे। गुंजी व्यास घाटी की उस सुरक्षित जमीन पर है, जहां न भूस्खलन का खतरा है और न ही बाढ़ का। अभी यहां 20 से 25 परिवार ही रहते हैं, जो बमुश्किल अपना खर्च चला पाते हैं। पिथौरागढ़ डीएम रीना जोशी के मुताबिक गुंजी के दाएं तरफ से नाभीढांग, ओम पर्वत और कैलाश व्यू प्वाइंट का रास्ता जाता है, तो बाएं तरफ से आदि कैलाश और जौलीकॉन्ग का। इसलिए ये गांव कैलाश तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए मुफीद है। प्रधानमंत्री दोपहर करीब 1 बजे अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम पहुंचे। यहां उन्होंने शिवलिंग पर फूल और जल चढ़ाया फिर भगवान की आरती की। करीब 6200 फीट की ऊंचाई पर स्थित जागेश्वर धाम में 224 पत्थर के मंदिर हैं। दोपहर तीन बजे पीएम पिथौरागढ़ में ग्रामीण विकास, सड़क, बिजली, सिंचाई, पेयजल, बागवानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों से जुड़ी करीब 4200 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का इनॉगरेशन किया।

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