Rajyavardhan Singh Rathod
Rajyavardhan Singh Rathod

नयी दिल्ली. खेल महासंघों के लिये आर्थिक आत्मनिर्भरता को जरूरी बताते हुए खेलमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि मंत्रालय हरसंभव मदद करने के लिये तैयार है लेकिन खेल ईकाइयों को अब दूसरे स्रोतों से भी धनराशि जुटाने के प्रयास करने चाहिये । राठौड़ ने भाषा को दिये इंटरव्यू में कहा ,‘‘ राष्ट्रीय खेल महासंघों को आर्थिक मदद के लिये सिर्फ मंत्रालय पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिये ।

हम चाहते हैं कि वे आत्मनिर्भर बनें लेकिन इसके यह मायने नहीं है कि हम उन्हें मिलने वाले अनुदान में कोई कटौती करने जा रहे हैं ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ हाकी, कुश्ती, बैडमिंटन सभी खेलों में लीगों के जरिये पैसा जुटाया जा रहा है लेकिन इसके बावजूद हम उन्हें आर्थिक मदद करते हैं । मंत्रालय से मिलने वाली मदद और कारपोरेट समेत अन्य स्रोतों से धनराशि जुटाना साथ साथ भी हो सकता है ।’’ एथेंस ओलंपिक रजत पदक विजेता राठौड़ ने कहा ,‘‘ जहां भी जरूरत होगी, सरकार मदद करने को तैयार है लेकिन उनकी तरफ से भी साझेदारी लाने के लिये लगातार प्रयास होने चाहिये । यह खेलों के लिये अच्छा होगा ।’’

उन्होंने कहा कि भारत में खेल प्रशासन में बदलाव लाना जरूरी है लेकिन देश को खेल महाशक्ति बनाने के लिये मंत्रालय, आईओए, एनएसएफ, कारपोरेट और सभी संबंधित पक्षों को मिलकर प्रयास करने होंगे ।आईओए से संबंधों के सवाल पर राठौड़ ने कहा ,‘‘ भारतीय खिलाड़ी जब मैदान पर उतरते हैं तो पूरे देश का सम्मान दांव पर लगा होता है । इसीलिये खेलों से जुड़े सभी पक्षों को मिलकर काम करना होगा और हम कर भी रहे हैं । मैं सभी को बरसों से जानता हूं और सभी से दोस्ती है तो मिलकर काम करने में कोई परेशानी नहीं है ।’’

राष्ट्रीय खेल विकास संहिता में प्रस्तावित बदलाव के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि जवाबदेही और पारदर्शिता सबसे महत्वपूर्ण है । उन्होंने कहा ,‘‘काम करने का जो तरीका चला आ रहा है, हम उसे बदल रहे हैं । मिनटों में नीतिगत फैसले लेते हैं । पहले प्रोजेक्ट अधिकारी या अंडर सेक्रेटरी ही एनएसएफ से जुड़े फैसले ले लेते थे लेकिन अब जिन्हें खेलों की समझ होगी , वे ही फैसले लेंगे । हम तो अपनी अकादमियों को भी आउटसोर्स करना चाहते हैं ।’’

राठौड़ ने कहा ,‘‘ खेलों को समर्थन देने के लिये कारपोरेट जगत तत्पर है लेकिन उन्हें भरोसा दिलाना जरूरी है कि उनका पैसा सही जगह पर जा रहा है । पारदर्शिता और जवाबदेही सबसे अहम है । ’’

उन्होंने परोक्ष रूप से खेल महासंघों की स्वायत्ता से किसी तरह की छेड़छाड़ से भी इनकार किया । उन्होंने कहा ,‘‘सरकार देश में खेलों के आपरेशंस में नहीं पड़ना चाहती । ऐसा नहीं है कि हम कर नहीं सकते लेकिन हम करना ही नहीं चाहते क्योंकि हमारे पास काफी कुछ है करने के लिये । हम चाहते हैं कि पेशेवर लोग या एनएसएफ या निजी साझेदार जो भी खेलों को चलाये, उसमें पेशेवरपन हो । ’’

भारत में 15 से 30 सितंबर तक होने वाले एशिया कप क्रिकेट में खेलने वाली छह टीमों में पाकिस्तान भी है । यह पूछने पर कि क्या उसे भारत में खेलने की अनुमति मिलेगी, राठौड़ ने कोई सीधा जवाब नहीं देते हुए कहा कि यह समय ही बतायेगा ।उन्होंने कहा ,‘‘ यह तो समय ही बतायेगा ।’’ मुंबई में 2008 के आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय क्रिकेट संबंध खटाई में है । दोनों टीमें आईसीसी टूर्नामेंटों में ही एक दूसरे से खेलती है । खेलों को राजनीति से अलग रखने के सवाल पर उन्होंने कहा ,‘‘ जहां तक खेल महासंघों में राजनीति की बात है तो यह दूर होनी चाहिये । इसके अलावा आखिरकार खेल किसी देश के साफ्ट पावर की बानगी में से एक है । खिलाड़ी देश की ही नुमाइंदगी करते हैं ।’’ अगले महीने गोल्ड कोस्ट में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय दल से कितने पदक की उम्मीद करते हैं, यह पूछने पर उन्होंने कहा ,‘‘ पदक कितने मिलेंगे यह तय करना टीम चयन करने वाले विशेषज्ञों की जिम्मेदारी है । हमने अभ्यास में कोई कमी नहीं रखी है और खिलाड़ी रहने के नाते मैं चाहता हूं कि वे अनुशासन और खेलभावना के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें ।’’ ओलंपिक पदक विजेता खेलमंत्री होने के नाते अपेक्षाओं के दबाव के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि यह नयी शुरूआत है और चुनौती का सामना करना उन्हें हमेशा अच्छा लगता रहा है ।
उन्होंने कहा ,‘‘ यह सौभाग्य की बात है खिलाड़ियों के लिये कि उनमें से किसी एक को यह अवसर मिला है । हम सब मिलकर दिखायेंगे कि खिलाड़ी समझ रखते हुए शानदार प्रशासन कर सकते हैं । उन्हें यह अवसर खेल महासंघों के भीतर भी मिलना चाहिये । सही कांबिनेशन की वहां भी जरूरत है ।’’

LEAVE A REPLY