नई दिल्ली। पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि आज के समय में आप कश्मीरी अलगाववादियों के साथ बातचीत की पहल करते हैं तो आपको देशद्रोही करार दे दिया जाता है। पहले भी तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने अलगाववादियों के साथ बातचीत की थी। ऐसे में वे भी क्या एंटी नेशनलिस्ट थे। इस दौरान उन्होंने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला की टिप्पणी का समर्थन करते हुए कहा कि फारुख अब्दुल्ला सदैव राष्ट्रवादी रहे हैं। पत्थरबाजों के समर्थन में उनका बयान चुनाव प्रचार के दौरान आया था। पिछले 70 बरसों में पाकिस्तान से रिश्ते सुधार नहीं पाए। दोनों देशों में विश्वास की कमी है। जब तक पाकिस्तान की ओर से नकारात्मकता खत्म नहीं होगी। तब तक बाचीत से कोई फायदा नहीं। उन्होंने श्रीनगर लोकसभा सीट पर हुए उप-चुनाव में कम वोटिंग पर चिंता जताते हुए कहा कि हिंसा हुई तो वोट डालने कोई भी नहीं आता। गौरतलब है कि फारुख अब्दुल्ला ने हाल ही में कश्मीर के पत्थरबाज युवाओं को लेकर टिप्पणी की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि पत्थर फैंकने वाले देशहित में ऐसा करते हैं। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिका को मध्यस्थता करने की मांग की थी। हालांकि इस बयान के बाद देश में खासा बवाल मचा था।

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