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जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रदेश में गेहूं, सरसों एवं चना की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के तय लक्ष्यों को हर हाल में हासिल किया जाए। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को ऎसी योजना पर काम करने के निर्देश दिए हैं कि राज्य के लिए निर्धारित एमएसपी पर खरीद की सीमा को और बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण खरीद में आ रही समस्याओं का त्वरित समाधान कर खरीद की प्रक्रिया को गति दी जाए।
श्री गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एमएसपी पर खरीद, खरीफ सीजन में खाद एवं बीज की उपलब्धता, टिड्डी नियंत्रण, प्रधानमंत्री फसल बीमा तथा ओलावृष्टि के कारण हुए नुकसान को लेकर समीक्षा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने तथा एमएसपी पर खरीद की प्रक्रिया को गति देने के लिए राज्य सरकार ने 1500 से अधिक प्रसंस्करण इकाइयों को किसानों से सीधी खरीद करने की अनुमति दी है। साथ ही 592 सहकारी समितियों को निजी गौण मण्डी के रूप में अधिसूचित किया है। इसके अलावा राजस्थान राज्य भण्डारण निगम के 93 गोदामों को भी निजी गौण मंडी घोषित किया है। अधिकारी इन सभी केंद्रों पर जल्द से जल्द संसाधन उपलब्ध करवाकर खरीद किया जाना सुनिश्चित करें।

श्री गहलोत ने कहा कि आगामी सीजन के लिए खाद एवं बीज की पर्याप्त उपलब्धता रहे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी खाद-बीज के लिए भीड़ एकत्र नहीं हो। राहत पैकेज के तहत मक्का एवं बाजरा के निशुल्क मिनीकिट का वितरण जल्द किया जाए। उन्होंने कहा कि कृषि कार्यों के लिए निजी कम्पनी के माध्यम से निशुल्क ट्रैक्टर एवं कृषि उपकरण किराए पर उपलब्ध करवाए जाने से लघु एवं सीमान्त किसानों को काफी राहत मिली है।

टिड्डी नियंत्रण के लिए बनाएं कंटीजेंसी प्लान

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत-पाक सीमावर्ती क्षेत्र में टिड्डियों के प्रवेश को देखते हुए अभी से इन्हें नियंत्रित करने की प्रभावी योजना तैयार की जाए ताकि बाद में यह समस्या बढे़ नहीं। उन्होंने कहा कि इसके लिए संबंधित जिला कलेक्टरों के जरिए कंटीजेंसी प्लान तैयार करवाया जाए। टिड्डी की समस्या से निपटने के लिए भारत सरकार को अधिक संसाधन उपलब्ध करवाने के लिए मांग की जाए। उन्होंने कहा कि पिछली बार टिड्डी नियंत्रण को लेकर राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को केंद्र ने सराहा था। इस बार भी इस समस्या से निपटने में किसी तरह की कोताही नहीं हो।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रीमियम का भविष्य में नहीं रहे बैकलॉग

श्री गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम का भुगतान समय पर किया जाना सुनिश्चित करें, ताकि किसानों को फसल नष्ट होने पर जल्द से जल्द इसका लाभ मिल सके। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को विभाग सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए इसके लिए प्रभावी प्लानिंग करे ताकि भविष्य में प्रीमियम का बैकलॉग नहीं रहे। उन्होंने इस पर खुशी व्यक्त की कि विभाग ने योजना के तहत बकाया विगत वर्षों का 2200 करोड़ रूपए का राज्य के हिस्से का प्रीमियम भुगतान कर दिया है और इससे किसानों को करीब 5 हजार करोड़ रुपए का मुआवजा मिला है।

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