जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार के सतत प्रयासों से इंदिरा गांधी नहरी तंत्र की रिलाइनिंग का ऎतिहासिक काम हुआ है। इससे जल की बड़ी छीजत रूकेगी एवं सिंचाई और पेयजल के लिए अंतिम छोर तक अधिक पानी मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि अधिकारी बेहतर जल प्रबंधन कर इंदिरा गांधी नहर से जुडे़ सभी दस जिलों में सुचारू जलापूर्ति सुनिश्चित करें। साथ ही, टेल क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिले इसके लिए विभाग कार्य योजना बनाकर आगे बढ़े।
गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इंदिरा गांधी नहर परियोजना की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में 60 दिवसीय ऎतिहासिक मिश्रित नहरबंदी के दौरान इंदिरा गांधी फीडर व मुख्य नहर में हुए 70 किलोमीटर रिलाइनिंग कायोंर्ं से टेल क्षेत्र के किसानों को लाभ मिलेगा। रिलाइनिंग पूर्ण हो जाने से इन्दिरा गांधी नहरी तंत्र में निर्धारित क्षमता से पानी का प्रवाह होगा जिससे पश्चिमी राजस्थान के 10 जिलों में आमजन को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने लंबे समय से रूके हुए इस कार्य को पूरा करने में सकारात्मक सहयोग दिया है। इसके लिए उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का आभार व्यक्त किया। साथ ही, राज्य के जल संसाधन विभाग की टीम को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रिलाइनिंग कायोर्ं से नहर की मूल प्रवाह क्षमता रिस्टोर होगी। सीपेज से हो रही जल हानि रूकेगी और सेम की समस्या से निजात मिलेगी। साथ ही, नहरी तंत्र पर निर्भर 10 जिलों के लोगों को पेयजल उपलब्धता एवं 16.17 लाख हेक्टेयर कमांड क्षेत्र सिंचाई जल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जल की सीमित उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए नहरी क्षेत्रों के लिए माइनर इरीगेशन प्रोजेक्ट बनाया जाए। किसानों को फव्वारा एवं बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
गहलोत ने कहा कि रिलाइनिंग के कार्य होने से पाकिस्तान बहकर जाने वाले जल पर कुछ हद तक रोक लग सकेगी। उन्होंने निर्देश दिए कि भविष्य में इस पानी को पूरी तरह रोकने के लिए कार्य योजना बनाई जाए। साथ ही, गुजरात व्यर्थ बहकर जाने वाले पानी को जवाई बांध में लाने के लिए सेई टनल के कार्य को समय पर पूरा करने का प्रयास किया जाए।
गहलोत ने कहा कि प्रदेश के 13 जिलों के लिए महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) राजस्थान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान यात्रा के दौरान जयपुर एवं अजमेर में इस परियोजना को राष्ट्रीय दर्जा देने के लिए आश्वस्त किया था। उन्होंने कहा कि राजस्थान में सूखे, अकाल और विषम भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को जल्द से जल्द इसे राष्ट्रीय दर्जा देना चाहिए। इस विषय पर राज्य सरकार के अधिकारी केंद्र सरकार के संबंधित विभागों के साथ लगातार समन्वय करेंं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य के हिस्से का पूरा पानी प्राप्त करने के लिए अन्तर्राज्यीय जल समझौतों से जुड़े लम्बित मुददों पर मुख्य सचिव एवं विभागीय उच्चाधिकारी प्रभावी पैरवी करें। इसके लिए सम्बन्धित राज्यों एव केन्द्र सरकार के स्तर पर सतत समन्वय किया जाए।

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