MLA Shubhkaran Choudhary and Minister Rajendra Godha
MLA Shubhkaran Choudhary and Minister Rajendra Godha

जयपुर। राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र से जुड़े दो दबंग नेताओं की जुबानी जंग चर्चा का विषय बनी हुई है। जुबानी हमले तीखे होने लगे है। सरेआम जनसभाओं में एक-दूसरे को देख लेने की धमकियां भी देने लगे हैं। लोगों और प्रशासन को अंदेशा है कि कहीं ये जुबानी हमले टकराव में ना बदल जाए।

ये दोनों नेता है उदयपुरवाटी के भाजपा विधायक शुभकरण चौधरी और पूर्व विधायक व मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा। हाल ही शुभकरण चौधरी के एक विवादित बयान से क्षेत्र का माहौल गरमाया हुआ है।

चौधरी ने चेतावनी भरे लहजे में गुढ़ा को ललकारते हुए कह दिया था कि वे उनकी जुबान काट देंगे। इस बयान के बाद गुढ़ा भी नहीं रुके। उन्होंने पलटवार करते हुए अपने मंसूबे जाहिर करते हुए कह दिया है कि वे भी शुभकरण चौधरी से ट्वेंटी-ट्वेंटी खेलने को तैयार है।

कई बार सामाजिक कार्यक्रमों में आमना-सामना होता है। कहीं भी मिले, जो वहम है, वह निकल जाएगा। गुढ़ा और चौधरी पर एक-दूसरे पर देख लेने संबंधी आक्रामक बयानों से सियासी क्षेत्रों में चर्चा है तो यह भी अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि कहीं इन दोनों नेताओं की जुबानी जंग कार्यकर्ताओं तक ना पहुंच जाए।

अगर ऐसा हुआ तो क्षेत्र में तनाव के हालात बन सकते हैं और कार्यकर्ता भी आपस में भिड़ सकते हैं। हालांकि प्रशासन मुस्तैद है। वैसे दोनों नेताओं के बीच यह जंग अभी की नहीं है, बल्कि विधानसभा चुनाव के पहले से ही गुढ़ा और चौधरी के बीच चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक बयानबाजी होती रही है।

वे एक-दूसरे पर व्यक्तिगत आरोप लगाने से भी नहीं चूकते। एक-दूसरे पर अपराधों को बढ़ावा देने के आरोप तो आम है। क्षेत्र में हो रही चोरियां, लूट-पाट के पीछे दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर आरोप मढ़े हैं।

हाल ही शुभकरण चौधरी ने राजस्थान विधानसभा में उदयपुरबाटी और क्षेत्र में हो रही आपराधिक वारदातों को उठाते हुए आरोप लगाए कि इन सबके राजेन्द्र गुढ़ा व उनके साथी लिप्त है।

राजस्थान पुलिस भी इनसे मिली हुई है, जो आरोप साबित होने पर भी दोषियों को पकड़ नहीं रहे हैं और फाइलों को सीआईडी में भेजकर मामले को दबाया जा रहा है।

शुभकरण चौधरी की गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया से भी गरमागरम बहस हुई थी। कटारिया ने शुभकरण चौधरी को यहां तक कह दिया था कि वे जानते हैं कि आप कितने दूध के धुले हुए हैं। हालांकि चौधरी ने भी इसका प्रतिवाद करते हुए कटारिया से उलज पड़े थे।

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