SEBI has asked Rovers to return the money to investors who invest money in the holiday scheme
मुंबई: सोशल मीडिया समूहों के बीच सूचीबद्ध कंपनियों से जुड़ी महत्वपूर्ण वित्तीय जानकारी लीक किये जाने संबंधी शिकायतों को लेकर पूंजी बाजार नियामक सेबी काफी गंभीर है और वह मामले पर गौर कर रहा है। सेबी के पास ऐसी शिकायतें पहुंची हैं कि कंपनियों की तरफ से आधिकारिक तौर पर जानकारी को सार्वजनिक किये जाने से पहले ही कुछ सोशल मीडिया समूहों के बीच महत्वपूर्ण जानकारी सार्वजनिक कर दी जाती हैं।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन अजय त्यागी ने आज इस बात की पुष्टि करते हुये कहा कि नियामक के संज्ञान में इस तरह की बातें आई हैं। नियामक को पता चला है कि कई प्रमुख कंपनियों के शेयर मूल्यों को प्रभावित करने वाली संवेदनशील जानकारी को आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक किये जाने से पहले ही कुछ समूहों के बीच पहुंचा दिया जाता है।
त्यागी ने यहां निवेश बैंकिंग सम्मेलन के मौके पर अलग से संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘हम इस तरह के (व्हट्सएप लीक्स) मामलों को काफी गंभीरता से ले रहे हैं। इस तरह की संवेदनशील वित्तीय जानकारी को किस प्रकार उनकी औपचारिक घोषणा से कुछ समय पहले बाहर पहुंचा दिया जाता है, इस मुद्दे पर हम चुपचाप बैठने वाले नहीं हैं।’’ पीटीआई-भाषा इससे पहले भी इस बारे में रिपोर्ट जारी कर चुका है। इसमें कहा गया है कि सेबी और शेयर बाजार दो दर्जन से ज्यादा कंपनी शेयरों में किये गये सौदों की जांच कर रहे हैं। यह जांच कथित तौर पर अहम वित्तीय जानकारी को लीक करने के मामले से जुड़ी है। ये जानकारी समझा जाता है कि व्ह्टस अप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये लीक की जाती है। नियामक ने इस संबंध में सबंधित व्यक्तियों की कॉल रिकार्ड की भी जानकारी मांगी है। इनमें कई बड़ी कंपनियों के शेयरों में होने वाली खरीद-फरोख्त भी शामिल है।
नियामक के पास फोनकॉल का रिकार्ड तलब करने का अधिकार है। वह दूरसंचार कंपनियों से इस प्रकार का ब्योरा हासिल कर सकता है। सेबी ने इस बारे में शेयर ब्रोकरों और सूचीबद्ध कंपनियों से भी स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या इस तरह के लोग उनसे जुड़े हैं।

LEAVE A REPLY