नई दिल्ली। चुनावी रैलियों में दूसरी पार्टियों से नोट लेकर आम आदमी पार्टी को वोट देने के बयान के मामले में आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कानूनी पेंच में फंस गए हैं। इस बयान पर निर्वाचन आयोग ने प्रसंज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश रविवार को दिए हैं। अरविंद केजरीवाल के 8 जनवरी को गोवा में आयोजित एक चुनावी सभा में दिए गए नोट के बदले वोट देने संबंधी बयान पर प्राथमिकी दर्ज करने को कहा है। आयोग ने इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना है। इस संबंध में राजनीतिक दलों ने आयोग को शिकायतें भी दर्ज करवाई थी। केजरीवाल ने गोवा में बयान दिया था कि दूसरे राजनीतिक दल रिश्वत देने आएं तो वे इसे ल लेंवे, लेकिन वोट आम आदमी पार्टी को ही देेवें। इसी तरह के बयान पंजाब में भी दिए गए हैं। बताया जाता है कि निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों से आई शिकायतों और बयान की वीडियो को देखने के बाद केजरीवाल के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज के आदेश दिए हैं। इसकी रिपोर्ट 31 जनवरी तक आयोग में पेश करने को कहा है। आयोग की इस कार्रवाई से आप संयोजक अरविंद केजरीवाल कानूनी पचड़े में फंस गए हैं, वहीं आयोग दूसरी अन्य कानूनी कार्रवाई भी कर सकता है।

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