दिल्ली | आज  फिर से के एक सफाई कर्मचारी ने सरकारी बेरुखी की वजह से मौत के सामने घुटने टेक दिया। लोकनायक जयप्रकाश नारायण हॉस्पिटल के गेट संख्या 2 के सामने सीवर सफाई के लिए उतरे एक सफाई कर्मचारी की जहरीली गैस की वजह से वहीं मौत हो गयी और उसके साथ काम कर रहे 2 अन्य सफाई कर्मचारियों को उनकी बुरी हालात की वजह से  हॉस्पिटल में  भर्ती किया गया ।
सीवर सफाई की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार के अधीन कार्यरत लोक सेवा विभाग की है। लोक सेवा विभाग के ठेकेदारों ने ही बिना किसी सुरक्षा उपाय के सफाई कर्मचारियों को काम पर लगाया था। सफ़ाई कर्मचारियों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत पर रिपोर्ट के मुताबित इसकी जिम्मेदार दिल्ली सरकार है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनुपम ने कहा कि आये दिन हो रही इन दुखद घटनाओं ने साबित कर दिया है कि सफ़ाई कर्मचारियों और उनकी समस्याओं के प्रति आम पार्टी की दिल्ली सरकार में संवेदनशीलता की घोर कमी है।
अनुपम ने बताया कि दिल्ली के सफ़ाई कर्मचारियों ने इस उम्मीद के साथ आम पार्टी को अपना समर्थन दिया था कि उनकी ज़िंदगी में कुछ सार्थक बदलाव आएगा। लेकिन “झाड़ू” को अपना चुनाव चिन्ह बनाने वाली पार्टी ने सरकार में आने के बाद दिल्ली के सफ़ाई कर्मचारियों को सिर्फ़ धोखा ही दिया। सरकार के विभाग और ठेकेदारों द्वारा आज भी सफ़ाई कर्मचारियों को जहरीली गैस का सामना करने निर्दयी ढंग से सीवर के अंदर भेज दिया जाता है, वो भी बिना किसी तरह के सुरक्षा उपकरण के। इससे यह स्पष्ट है कि आम पार्टी की सरकार दिल्ली की सफ़ाई के प्रति अगंभीर और सफ़ाई कर्मचारियों के प्रति असंवेदनशील है।
सफाई कर्मचारियों की सफाई के दौरान होने वाली परेशानियां उन्हें रोज़ाना मौत के मुँह में धकेल रही है फिर भी दिल्ली सरकार किसी मरे हुए मानुष की तरह व्यवहार कर कर रही है। अभी हाल में ही 4 सफाई कर्मचारियों की सफाई के दौरान होने वाली मौतों ने आम जनमानस को झकझोरा ही था कि आज फिर से एक सफाई कर्मचारी की मौत और 4 सफाई कर्मचारी की सफाई के दौरान गंभीर हालात ने दिल्ली सरकार की नीयत में सफाई कर्मचारियों के लिए मर गयी संवेदना को जगजाहिर कर दिया है।
अनुपम ने दिल्ली सरकार से मांग किया है कि सफ़ाई कर्मचारियों की समस्याओं पर सरकार श्वेत पत्र लाये। साथ ही सरकार को यह सुनिश्चित करने को भी कहा है कि बिना उचित सुरक्षा उपकरणों के कहीं पर भी किसी सीवर लाईन में सफ़ाई कर्मचारियों को न उतारा जाए।

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