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-सूचना आयोग ने ग्राम सेवक पर 25 हजार का जुर्माना किया
जयपुर। पोस्टल आर्डर में कमी सूचना नहीं देने का आधार नहीं हो सकती है। राज्य सूचना आयोग ने इस आधार पर चूरु की ग्राम पंचायत पंचायत बीदासर के ग्राम सेवक पर 25 हजार रुपए का जुर्माना किया है। इस मामले में परिवादी एडवोकेट प्रतापसिंह शेखावत ने राज्य सूचना आयोग में अपील की थी कि ग्राम पंचायत बीनादेसर, रतनगढ़, चूरु के सरपंच की ओर से जारी पSों, रसीदों, लेखा जोखा रजिस्टर, रोकड़ पुस्तिका, स्टाक रजिस्टर की प्रति व
बीनादेसर के नक्शे के प्रति 21 जनवरी 19 को मांगी थी। इसकी सूचना नहीं मिलने पर आयोग में अपील की गई। परिवादी का कहना था कि उसका आवेदन 2० फरवरी 19 को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अपीलार्थी ने पोस्टल आर्डर का बेचान नहीं किया है। सूचना के एवज में मांगी गई फीस के 75० रुपए जमा नहीं
कराए हैं। इसके अभाव में सूचना दिया जाना संभव नहीं है। साथ ही अपीलार्थी ने जो पोस्टल आर्डर दिया था उसमें पे टू के कालम में कोई प्रविष्टि नहीं होने के कारण उसका भुगतान पंचायत को नहीं हो सका।

दोनों पक्षों को सुनने के बाद सूचना आयुक्त लक्ष्मण सिंह राठौड़ ने आदेश दिया कि लोक सूचना अधिकारी ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2००5 की धारा 5 (3) के तहत अपीलार्थी से प्राप्त पोस्टल आर्डर में पे टू के खाली कालम
में रिक्त स्थान को स्वयं भरना चाहिए था। उसके बाद ही उसे भुगतान के लिए प्रस्तुत करना था। ऐसे में प्रत्यर्थी ग्राम सेवक सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 2० के दोषी है। उस पर 25 हजार रुपए का जुर्माना किया जाता है। साथ ही आदेश के 21 दिन में निर्धारित सूचना नियमानुसार शुल्क प्राप्त कर उपलब्ध कराया जाए।

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