जयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने ब्लू व्हेल गेम में टास्क को पूरा करने के लिए किए जा रहे आत्महत्याओं के प्रयासों पर स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया है । उच्च न्यायालय की विधिक सेवा समिति के अघ्यक्ष एवं न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जागरूकता कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए है । उन्होंने राज्य सरकार से कहा कि बच्चों एवं अभिभावकों को जागरूक करने के लिए स्कूलों में कैम्प आयोजित किए जाएं । इन कैम्पो में बच्चों एवं अभिभावकों को शारीरिक एवं मानसिक पीड़ा तथा इससे होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। ब्लू व्हेल गेम पर रोक को लेकर राज्य सरकार ने विचार शुरू कर दिया है।

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निर्देश पर राज्य के गृह,विधि एवं पुलिस महकमें के अधिकारियों की बैठक में कैसे रोक लगाई जाए इस पर मंथन हुआ ।बैठक में गृह सचिव दीपक उप्रेती,पुलिस महानिदेशक अजीत सिंह सहित कई अधिकारी मौजूद थे। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पी.के. सिंह ने बताया कि ब्लूव्हेल गेम की रोकथाम के लिए विभाग की साइबर सेल को अलर्ट किया गया है । बैठक में तय किया गया कि सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक अपने जिले में आने वाले स्कूलों एवं कॉलेजों में छात्रों,शिक्षकों एवं अभिभावकों के साथ एक घंटे तक संवाद करेंगे। इस दौरान मोटिवेशनल गुरूओं एवं मनोवैज्ञानिकों के माध्यम से इस गेम के नुकसान के बारे में बताया जाएगा । इस काम में शिक्षा विभाग एवं स्वयं सेवी संगठनों की मदद भी ली जाएगी । उल्लेखनीय है कि ब्लूव्हेल गेम के पिछले दिनों में जयपुर एवं जोधपुर में दो मामले सामने आए हैं ।

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