datti mahraj rapr case
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जयपुर। शिष्या से दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी शनिधाम मंदिर के महंत दाती मदन महाराज की मुश्किलें बढ़ती जा रही हंै। दाती महाराज आज सुबह दस बजे दिल्ली क्राइम ब्रांच कार्यालय पहुंचे। क्राइम ब्रांच के अफसरों ने दुष्कर्म मामले में आरोपियों की पूछताछ के बाद आए नए तथ्यों पर पूछताछ की। गुरुवार के पीड़िता के नए आरोपों को लेकर भी उनसे बयान लिए। दाती महाराज ने जांच अधिकारियों के समक्ष दोहराया है कि उस पर दुष्कर्म के आरोप गलत है। उसे फंसाने के लिए पीड़िता गलत बयानबाजी कर रही है।

चर्चा है कि आज दिल्ली पुलिस दाती महाराज को गिरफ्तार भी कर सकती है, क्योंकि स्टेटस रिपोर्ट पेश नहीं करने के चलते दिल्ली कोर्ट ने कल पुलिस को कड़ी फटकार लगाई थी। वहीं पीडिता के पुलिस पर दाती महाराज का बचाव करने के बयान को लेकर पुलिस दबाव में है। ऐसे में पुलिस आज दाती महाराज को अरेस्ट कर सकती है। उधर, दुष्कर्म पीड़िता पहली बार मीडिया के सामने आई है। पीडिता ने मीडिया से कहा कि दाती महाराज साधु के चोले में एक शैतान है, जो आश्रम की बालिकाओं और शिष्याओं पर शारीरिक जुल्म करता है। मेरी जैसी कई लड़कियों के साथ आश्रम में रेप हुए हैं। वे भी मेरी तरह आश्रम छोड़ चुकी है। पुलिस अगर सही तरीके से जांच करें तो कई लड़कियों के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आ सकता है। पीडिता ने आरोप लगाया कि पुलिस दाती महाराज के बचाव में है। उसे किसी से डर नहीं है, चाहे इसमें मेरी जान ही क्यों ना चली जाए।

उधर, दाती महाराज का आलावास आश्रम बिना रजिस्ट्रेशन के ही चल रहा था। बिना रजिस्ट्रेशन के आश्रम संचालक बालिका स्कूल, छात्रावास और दूसरी गतिविधियां भी संचालित कर रहे थे। तीन साल से सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग ने इस आश्रम की न तो सुध ली और न ही कार्रवाई की। दुष्कर्म केस के बाद आश्रम की खामियां सामने आने पर सरकार ने जांच कमेटी गठित की है। विभाग की उप निदेशक श्रुति भारद्वाज के नेतृत्व में जांच कमेटी बनी है, जो आश्रम संचालन की जांच करेगी। आश्रम संचालकों ने तीन साल पहले रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया था, लेकिन आश्रम में कई तरह की खामियां मिलने पर विभाग ने रजिस्ट्रेशन नहीं किया।
महिला आयोग राजस्थान की तीन सदस्यीय टीम आलावास आश्रम के संबंध में आज राज्य सरकार को रिपोर्ट देगी। जांच टीम को निरीक्षण के दौरान काफी अनियमितताएं मिली है। बालिकाओं की सुरक्षा, खान-पान व शिक्षा का स्तर कमतर पाया गया है। आश्रम का रजिस्ट्रेशन भी नहीं था। आश्रम से कई बालिकाएं अचानक अपने घर चली गई। आश्रम संचालक कोई संतोषजनक जवाब दे नहीं पाए।

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