A case was registered against the bank's chief manager, without possession of land.

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने शहरी निकायों में वार्ड कमेटियों का गठन नहीं करने पर प्रमुख नगरीय विकास सचिव और स्वायत्त शासन निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नान्द्रजोग और न्यायाधीश जीआर मूलचंदानी की खंडपीठ ने यह आदेश अनूप दायमा की ओर से दायर जनहित याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 243एस तथा राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 54 में यह प्रावधान है कि शहर की जनसंख्या तीन लाख या उससे अधिक है तो वहां कार्यरत शहरी निकाय अर्थात नगर पालिका, नगर परिषद या नगर निगम के प्रत्येक वार्ड में वार्ड कमेटी का गठन किया जाएगा। अधिकतम पांच नागरिकों की इस कमेटी की अध्यक्षता स्थानीय वार्ड मेंबर करते हैं। याचिका में कहा गया है कि यह कमेटी निकाय के रोजमर्रा के कार्य में भाग लेती है, लेकिन राज्य सरकार ने किसी भी पात्र शहर में वार्ड कमेटियों का गठन नहीं किया है।

जिससे एक ओर संविधान और नगर पालिका अधिनियम के प्रावधानों का उल्लघन हो रहा है, वहीं दूसरी ओर नागरिकों के अधिकारों का भी हनन हो रहा है। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

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