जयपुर। राजस्थान प्रदेष कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं जयपुर जिलाध्यक्ष प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि आर्थिक मंदी से परेषान होकर कर्ज में डूबे डूंगरमल जांगिड़ अपनी पत्नि सुमन जांगिड़, दो बेटों जितेन्द्र और धर्मेन्द्र और एक बेटी खुषी के साथ भाजपा सरकार की गलत नीतियों के चलते आत्महत्या करने को मजबूर हो गये। इस सामूहिक आत्महत्या से सबक लेकर केन्द्र और राज्य सरकार को अपनी नीतियों को बदलना चाहिये। राजस्थान सहित पूरे प्रदेष में पहले किसानों ने आर्थिक मंदी के चलते आत्महत्याऐं की, अब नोटबंदी, जीएसटी और रेरा ने मार्केट में व्यापार पूरी तरह से ठप्प कर दिया है, मनी ट्रांजेक्षन रूक गया है, हालात इतने खराब हैं कि चैकटी पर बैठे मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है क्योंकि कंसट्रक्षन का काम पूरी तरह से बंद पड़ गया है, बाजारों में मनी ट्रांजेक्षन बंद हो गया है, पूरे बाजार में निराषा का वातावरण है, व्यापारियों सहित आम आदमी डरा और सहमा हुआ है, हर कोई अपने काम-धंधे को लेकर परेषान है।

केन्द्र सरकार और राज्य सरकार आर्थिक सुधारों के नाम पर आम आदमी का गला घोंटने पर लगी हुई है, लगातार प्रदेष में आत्महत्याऐं हो रही है लेकिन राज्य की भाजपा सरकार और केन्द्र की भाजपा सरकार अपनी चुनावों को लेकर बूथ मैनेजमेंट की तैयारियां करने में लगी हुई हैं। उन्हें प्रदेष और देष की जनता के हाल जानने की कोई फुर्सत नहीं है क्योंकि जो मंत्री और नेता सरकार में बैठे हैं उन्हें भूख, बेरोजगारी और रोजी-रोटी की कोई समस्या नहीं है। सरकार में बैठे हुये लोग मौज-मस्ती कर रहे हैं और लोग आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। खाचरियावास ने कहा कि पूर्व में बड़ी तादाद में किसानों ने आत्महत्याऐं की, सीकर में किसान कर्जमाफी को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, किसानों की मौत से सबक लेकर सरकार ने आज तक कर्जे माफ नहीं किये और अब मार्केट के बिगड़े हालातों से घबराकर परिवार सहित आत्महत्या करने के लिये पूरे परिवार का को मजबूर होना, सरकार और मानव समाज के लिये चुनौती है।

इसमें कोई दो राय नहीं कि कोई भी सरकार अंधी हो तो ही चुप रह सकती है। यदि भाजपा सरकार अंधी, गूंगी और बहरी नहीं है तो डूंगरमल जांगिड़ के पूरे परिवार की आत्महत्या से सबक लेकर अपनी आंखे खोलकर आम आदमी में व्याप्त निराषा को खत्म करने के लिये, जो गलत कानून बनाये गये हैं उन्हें ठीक करके, ऐसे कदम उठायेगी जिससे आत्महत्याऐं रूक सकें। खाचरियावास ने कहा कि सरकार को अपनी गलतियां मानते हुये ऐसे सुधार करने चाहिये जिससे बाजार में व्याप्त निराषा समाप्त हो तथा लोग आत्महत्या को मजबूर नहीं हो।

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