झाडखण्ड़। झाडखण्ड के पूर्व मंत्री हरिनारायण राय को अवैध तरीके से सम्पत्ति अर्जित करने और उस सम्पत्ति को अपने रिश्तेदारों के नाम पर निवेश करने के मामले में 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और उन पर पांच लाख रुपए का हर्जाना लगाया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के विशेष न्यायाधीश बालकृष्ण तिवारी की अदालत ने हरिनारायण राय को यह सजा सुनाई। 2002 में मनी लॉड्रिंग एक्ट के अस्तित्व आने के बाद यह पहला मामला है कि जब इस एक्ट के तहत देश की किसी अदालत ने यह सजा सुनाई है। हरि नारायण राय के खिलाफ सितंबर 2009 में ईडी ने मामला दर्ज किया था, जिसमें सामने आया कि 2005 से 2008 के बीच राय ने अवैध तरीके से 4 करोड़ 33 लाख 77 हजार रुपए की संपत्ति अर्जित की। फिर इस सम्पत्ति को रिश्तेदारों और दोस्तों के नाम पर निवेश कर दिया। इस मामले में ईडी ने पहली बार 11 दिसंबर, 2009 को अदालत में चार्जशीट दायर की। बाद में 9 मार्च 2011 और 25 मई 2016 को भी अलग-अलग चार्ज-शीट दायर की गई। जांच के दौरान ही राय की लगभग 2.53 करोड़ की चल-अचल संपत्ति जब्त की गई। इनमें वर्ष 2010 में 66 लाख और 6 अगस्त 2015 को 1.87 करोड़ की संपत्ति शामिल है। कोर्ट ने रिश्तेदारों के नाम पर 3.72 करोड़ रुपए के निवेश को सही पाया। जिसके आधार पर कोर्ट ने उन्हें यह सजा सुनाई। आदेश के बाद राय को जेल भेज दिया गया। राय पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में पिछले साल 14 दिसंबर को पांच साल की सजा हुई थी। वे करीब तीन साल जेल में रह चुके हैं। अब और चार साल जेल में रहना पड़ सकता है। उधर, राय के वकील ने इस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती देने को कहा है।

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