नई दिल्ली। नाइजीरिया निवासी और मौलवी मुहम्मद बेलो अबूबकर का 93 साल की आयु में बीमारी के चलते निधन हो गया। बेलो अबूबकर ने अपने जीवन में कुल 130 महिलाओं के साथ विवाह किया। इसको वे एक पवित्र मिशन मानते थे। उनका कहना था कि वे इसीलिए धरती पर भेजे गए हैं। अपनी शादियों की वजह से ही बेलो को 2008 में कई मुस्लिम मौलवियों की आलोचना झेलनी पड़ी थी। मौलवियों ने उन पर दो दिन के भीतर अपनी 86 पत्नियों में से 84 को तलाक देने को लेकर दबाव बना रहे थे। लेकिन उन्होंने मौलवियों को जवाब भी दिया। बेलो ने कहा था कि शादिया करते रहना उनका पवित्र मकसद है और उन्होंने 130 शादियां की। बेलो के नजदीकी रहे सलावुद्दीन बेलो ने बताया कि वे कुछ समय से बीमार थे। उन्होंने अंतिम सांस भी अपने घर पर ही ली। बेलो कुरान की अपनी विवादित व्याख्या को लेकर काफी चर्चा में आए थे। बेलो का कहना था कि कोई भी पुरुष जितनी चाहे उतनी शादिया कर सकता है। किसी परेशानी के वह जितनी बीवियों को संभाल सकता है, उसे उतनी शादियां करने का हक है। सलावुद्दीन ने बताया कि अबूबकर ने कहा कि उनका आखिरी समय आ गया है। अल्लाह ने जिस पुण्य कार्य के लिए धरती पर भेजा था, अब वह काम पूरा हो गया है। अब वे खुदा से मिलने के लिए तैयार हैं। बेलो की 130 पत्नियों में कुछ गर्भवती हैं। वहीं बेलो के पहले ही 203 बच्चे हैं।

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