नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के तहत बुधवार को राज्यसभा में खासा हंगामा देखने को मिला। कर्नाटक के बेंगलुरु में ईगलटन रिसोर्ट पर आयकर विभाग की छापेमारी से नाराज कांग्रेस के सांसदों ने सवाल उठाते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

आईटी की इस कार्यवाही से गुस्साए सांसद वेल तक पहुंच गए। इसी रिसोर्ट में गुजरात कांग्रेस के 44 विधायकों को खरीद फरोख्त से बचाने के लिए ठहराया गया है। ईगलटन रिसोर्ट के अलावा कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री डीके शिवकुमार के आवास व अन्य प्रतिष्ठानों को भी आईटी ने खंगाला। कांग्रेसी नेता आनंद शर्मा ने कहा कि केन्द्र सरकार इनकम टैक्स एजेंसियों का गलत प्रयोग कर रही है। छापे की जगह और समय कोई संयोग मात्र नहीं है। विपक्षी नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस छापे का सीधा संबंध गुजरात राज्यसभा चुनाव से है, अब तो डर और भय का माहौल दक्षिण तक पहुंच गया है। जो हमारे सांसदों को 15 करोड़ दे रहे हैं उन भाजपा नेताओं पर छापेमारी की जानी चाहिए।

राज्यसभा में केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि नियम तो सबके लिए एक होता है। अब कांग्रेस के पापों का घड़ा भर चुका है। आयकर विभाग की कार्यवाही से नाराज कांग्रेस के सांसद नारेबाजी करते हुए वेल तक पहुंचे और हंगामा किया। हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। कुछ देर बाद कार्यवाही वापस शुरू हुई तो फिर हंगामा देखने को मिला। जिससे सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।

-बचाव में उतरे अरुण जेटली
इधर सदन में भारी हंगामे के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकार की ओर से सफाई दी और कहा कि न तो रिसोर्ट पर छापा डाला गया और न ही विधायकों की तलाशी ली गई। कुल 39 जगहों पर छापे डाले गए हैं। इसके अलावा, कोई शख्स कांग्रेसी विधायकों की मेजबानी में लगा है तो उसे अपने घर में अवैध रुप से पैसे रखने का लाइसेंस नहीं मिल जाता।

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