नई दिल्ली। राज्य सभा में बुधवार को मॉब लिंचिंग को लेकर बहस हुई। बहस की शुरुआत कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने की। उन्होंने जुनैद का मामला उठाया। साथ ही केन्द्र सरकार को घेरा। बहस के दौरान समाजवादी पार्टी नेता नरेश अग्रवाल ने ऐसी बात कह दी। जिसको लेकर बवाल मच गया। हालांकि बाद में नरेश अग्रवाल के इस इन शब्दों को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया।

नरेश अग्रवाल ने कहा कि कुछ लोगों ने खुद को हिंदू धर्म का ठेकेदार मान लिया है। भाजपा व विहिप सरीखे लोग कहते थे कि जो हमारा सर्टिफिकेट लेकर नहीं आएगा, वो हिंदू नहीं है। बाद में उन्होंने कहा कि व्हिस्की में विष्णु बसे, रम में बसे श्रीराम, जिन में माता जानकी और ठर्रे में हनुमान, बोला सियापत रामचंद्र की जय। नरेश अग्रवाल के इस बात को लेकर भाजपा के भूपेंद्र यादव ने अग्रवाल से माफी मांगने की बात कही। लेकिन फिर उन्होंने कहा कि गाय हमारी माता है तो बैल क्या हुआ, आखिर बछड़ा हमारा क्या हुआ। इस पर सदन में बवाल मच गया।

वहीं संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि नरेश अग्रवाल का यह बयान हिंदू धर्म का अपमान है, उन्हें माफी मांगनी चाहिए। बाद में नरेश अग्रवाल के इस बयान को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया। हालांकि बाद में सरकार की ओर से मुख्तार अब्बास नकवी ने बयान दिया और कहा कि ये जो भी घटनाएं हो रही है वे अपराध हैं। इसे सांप्रदायिकता का रंग नहीं देना चाहिए। सरकार भी इस तरह की घटनाओं को लेकर कड़ी कार्रवाई करती है। आज हर मुद्दे पर भारत एकजुट है।

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