Not a project, but my soul is: Paramahansa Datti ji Maharaj

पाली। बाल दिवस पर मंगलवार को पाली की बेटियों का सामुहिक जन्मोत्सव ने एक अद्भुत दृश्य पैदा करके अभिभूत कर दिया। इस जन्मोत्सव में अतिथियों के साथ 12 बेटयों की माताओं ने केक काटकर जन्मोत्सव मनाया। जिला कलेक्टर सुधीर कुमार शर्मा, पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव, दाती मदन महाराज के आतिथ्य में मनाए गए इस सामूहिक जन्मोत्सव में पाली जिले की सरकारी विद्यालयों की 14 बालिकाओं को बुधवार से हवाई यात्रा पर शनिधाम द्वारा भेजा जा रहा है। इसके आयोजक शनिधाम दाती महाराज ने 14 बालिकाओं को माल्यार्पण व 11 हजार रूपए का चैक प्रदान किया। ये बालिकाएं 14 दिन के टूर पर दिल्ली भ्रमण पर महत्वपूर्ण स्थल देखेंगी। उन्होंने सैकड़ों परिवार तोड़ने से बचाने वाली गजेन्द्र कँवर को 51 हजार का चैक प्रदान किया। इसके अलावा देसूरी, जाणूदा, दूदरी, बिजोवा, मालंदा की सभी महिला ग्राम सेवकों को बेटी बचाओं कार्यक्रम में उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए 2100 रूपए अलग-अलग प्रदान किए। जिला कलेक्टर सुधीर कुमार शर्मा ने कहा कि खुशी की बात हैं कि पाली जिला लिंगानुपात में हमेशा राज्य की औसत दर से आगे रहा है। यहां बालिका शिक्षा दर भी लगातार बढ़ रही है पर इसमें अभी भी काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने बेटी के जन्म से 12 वीं कक्षा तक राजश्री योजना में 50 हजार तक सहायता राशि उपलब्ध कराने की सराहनीय योजना से बेटियों को सशक्त बनाने को मजबूत आधार बताया। उन्होंने शनिधाम द्वारा जिले की मेघावी 14 छात्राओं को बुधवार से हवाई यात्रा व भ्रमण पर लेजाने के कार्यक्रम की सराहना की।

पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ने कहा कि मिशन पूर्णशक्ति कार्यक्रम ने महिला सशक्तिकरण, साक्षरता दर में बढ़ोतरी, लिंगानुपात आदि प्रबल आयामों में बढ़ौत्तरी हुई है। इसमें जिला प्रशासन, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वयंसेवी संस्थाओं का प्रबंल योगदान है। उन्होंने बताया कि करीब 40 महिला कांस्टेबल ने ब्लेकबेल्ट प्रशिक्षण लिया तथा विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा दायित्व निभा रही है। जिले में लगातार महिलाओं के सुरक्षा व सशक्तिकरण के लिए अभिनव प्रयास किए जा रहे है। इस दिशा में परिवारों की सुदृढ़ता के लिए भी निरंतर सार्थक प्रयास किए जा रहे है। जिला विधिक प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव शरद कुमार व्यास ने कहा कि किसी भी सामाजिक समस्या को सुलझाने के लिए समाज का हर अंग महत्वपूर्ण है। उन्होंने बालिकाओं के लिए जागरूकता आवश्यक है तभी हम उनकी सशक्तिकरण व सुरक्षा की दिशा में सार्थक प्रयास कर सकते है। उन्होंने बताया कि न्यायपालिका तक समस्या तो अंत में पहुंचती है जहां समाधान निश्चित है पर उससे पूर्व सभी जागरूकता से ही परिणाम आते है। उन्होंने न्यायपालिका के साथ सामूहिक प्रयासों के लिए आह्वाहन किया ताकि सदैव जागरूकता बनी रहे।

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