हैदराबाद। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कथित तौर पर पुलिस की ज्यादतियों के शिकार हुए दलितों से सोमवार को तेलंगाना के एक जेल में मुलाकात की। मीरा के साथ कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख उत्तम कुमार रेड्डी और पार्टी के अन्य नेता भी थे। उन्होंने राजन्ना-सिरसिला जिले में रेत से भरे दो ट्रकों में आग लगाने के लिए कथित तौर पर पुलिस द्वारा प्रताड़ित किए गए युवकों से करीमनगर जिला जेल जाकर दो जुलाई को मुलाकात की।

कुमार ने बाद में मीडिया को बताया कि उन्हें केवल चार पीडि़तों से ही मुलाकात की इजाजत दी गई। हालांकि तीन अन्य पीडि़त भी उसी जेल में थे। उन्होंने कहा कि गंभीर रूप से घायल एक अन्य पीडि़त अब भी अस्पताल में ही है। दलितों पर हुए अत्याचार की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस ने युवकों की पिटाई की और उन्हें बिजली के झटके दिए। उन्होंने कहा, वे पुलिस के अत्याचारों की बात बताते हुए रो पड़े। उन्हें भीतरी चोटें भी आई हैं। कांग्रेस नेता ने मांग की कि पीडि़त के खिलाफ दर्ज ‘झूठे मामलेÓ वापस लिए जाएं और उन पर अत्याचार करने वालों पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम, 1989 के तहत मामला दर्ज किया जाए। मीरा ने घटना की जांच शुरू न करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की निंदा की। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने पूछा, क्या यही वह तेलंगाना राज्य है, जिसके लिए हम लड़े थे? मीरा ने रेत माफिया की गतिविधियों को समाप्त करने की मांग की। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी यह मुद्दा संसद में उठाएगी। इसी बीच, कथित पुलिस ज्यादतियों के खिलाफ विरोध के लिए कांग्रेस की एक प्रस्तावित बैठक रोकने के लिए बड़ी संख्या में की गई पुलिसकर्मियों की तैनाती के चलते सिरसिला शहर में तनाव व्याप्त रहा। जिला प्रशासन ने सोमवार शाम के लिए प्रस्तावित बैठक की मंजूरी देने से इंकार कर दिया। कांग्रेस नेताओं ने जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ हैदराबाद उच्च न्यायालय में गुहार लगाई है।

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