हिन्दू नववर्ष पर करौली में निकली रैली के दौरान हुए पथराव, फिर आगजनी और उपद्रव की घटना ने राजस्थान की कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया। साथ ही सामाजिक सौहाद्र्र के लिए जाने वाले राजस्थान की शांति को भंग सा कर दिया है। करौली में उपद्रव इंटेलीजेंस का फेलियर तो था ही, साथ ही स्थानीय पुलिस की कार्यशैली को सामने ला दिया। अतिसंवेदीन क्षेत्र में बिना अनुमति रैली को जाने दिया और डीजे पर रोक नहीं लगाई। यहीं नहीं जब पथराव हुआ और भगदड़ मची तो रैली के साथ मौजूद पुलिसबल स्थिति को संभाल नहीं पाया और ना ही पथराव के बाद हुई आगजनी को रोकने में सफल हो सका। इससे करौली जिले में तो माहौल बिगड़ा ही, साथ ही प्रदेश में सियासी दलों ने आरोप-प्रत्यारोप लगाकर इसे ओर फैलने का कार्य ही किया है। सोशल मीडिया पर तो ऐसे ऐसे वीडियो और डायलॉग चल रहे हैं, जिन्हें बताया नहीं जा सकता है। ऐसे वीडियो व डॉयलॉग से ज्यादा माहौल बिगड़ रहा है। यहीं नहीं प्रदेश का सामाजिक सौहाद्र्र बिगड़ रहा है। राज्य सरकार और पुलिस को सोशल मीडिया पर धर्म आधारित विषवमन कर रहे वीडियो, फोटोज और विचार रखने वालों पर सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। साथ ही माहौल खराब करने वाले और उपद्रवों में शामिल लोगों पर भी कठोर कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए, चाहे वे भी किसी भी सम्प्रदाय, धर्म व जाति के लोग हो। ऐसे गानों पर रोक लगानी होगी, जिससे दूसरे धर्म-सम्प्रदाय को ठेस पहुंचाया जा रहा है। कठोर कानूनी कार्यवाही से समाज में कानून का शासन स्थापित हो सकेगा। अन्यथा कार्यवाही नहीं होने पर आज करौली में उपद्रव हुआ, कल किसी दूसरे जिले और शहर में ऐसे उपद्रव से माहौल खराब होगा। करौली उपद्रव को देखते हुए सरकार ने प्रदेश के कई जिलों में रैली, जुलूस और शोभायात्रा पर रोक लगाने के आदेश आज जारी किए हैं। कुछ जिलों में धारा 144 लागू की है। अगामी त्योहारों और रामनवमी पर्व पर किसी तरह की अनहोनी नहीं होने को लेकर राज्य सरकार अलर्ट मोड में दिख रही है। प्रदेश में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए कई जिलों में धारा 144 लागू की गई है। जयपुर, सीकर, हनुमानगढ, अजमेर समेत कई जिलों में शुक्रवार से अगले आदेश तक धारा 144 लागू की गई है। अब बिना अनुमति रैली, जुलूस, शोभायात्रा नहीं निकाल सकेंगे। इन सबके लिए एसडीएम से  अनुमति लेनी होगी। बिना अनुमति ध्वनि प्रसारण यंत्र का भी इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। सोशल मीडिया पर धार्मिक उन्माद, जातिगत द्वेष, दुष्प्रचार नहीं हो सकेगा। सरकार की पहली प्राथमिकता यही होनी चाहिए कि प्रदेश में शांति व्यवस्था कायम रह सके। शांति व्यवस्था रहने से प्रदेश की खुशहाली है। एक बार हालात बिगड़े तो माहौल तो खराब होता ही है, साथ ही हर स्तर पर नुकसान भी होता है। चाहे वह राज्य की साख का हो या व्यापार का। अमच चैन से ही सभी की खुशहाली और विकास है। वैसे भी कानून से ऊपर कोई नहीं है। अगर कोई कानून का उल्लंघन कर रहा है तो उसके खिलाफ बिना भेदभाव के सख्त कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाए। तभी शांति कायम रह पाएगी और कानून व्यवस्था भी।

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