– तनिष्क के माता-पिता के लिए जुटा पाना आसान नहीं, केंद्र व् राज्य सरकार भी सहायता नहीं दे पा रही है
जयपुर. तनिष्क  18 महीने का  महीने का है, लेकिन अभी तक वह सहारा देने के बाद भी अपने पैरों पर खड़ा नहीं रहा। खुद से बैठ नहीं सकता। यहां तक कि उसकी छाती की मांसपेशियों में इतनी ताकत भी नहीं बची है कि वह अच्छे से पूरी सांस ले सके। ईश्वर ने उसे मस्तिष्क दिया है, बोली भी दी है, लेकिन एक जीन नहीं दिया। यह जीन शरीर में खास किश्म का प्रोटीन बनाता है, जिससे शरीर की सारी मांसपेशियां काम करती हैं। इस जीन के बिना तनिष्क का जीवन अधूरा है। केवल एक इंजेक्शन, तनिष्क की सारी समस्या का समाधान है, लेकिन इस एक इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ रुपये है, जो तनिष्क के माता-पिता के लिए जुटा पाना आसान नहीं है।
राजस्थान के नागौर जिले में छोटें से गांव नड़वा के रहने वाले दीपिका कंवर और शैतान सिंह की इकलौती संतान तनिष्क स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी टाइप-1  दुर्लभ बीमारी  से ग्रहसित हैं। परबतसर जैसे छोटे से कस्बें में वकील के तौर पर काम करने वाले शैतान सिंह ने बताया कि जब वह चार-पांच महीने का था, तभी से उसकी परेशानी शुरू हो गई थी। शुरू में बीमारी पकड़ में नहीं आई, लेकिन बाद में जे.के. लोन हॉस्पिटल जयपुर के निवर्तमान सह आचार्य डॉ. प्रियांशु माथुर ने देखा तो बता दिया कि तनिष्क सिंह एसएमए की बीमारी से पीड़ित है।
शैतान सिंह ने बताया कि अभी तक तनिष्क को फिजियोथेरेपी और व्यायाम के सहारे से हम नियंत्रण करके रखे हुए हैं, ताकि उसके शरीर की सभी मांसपेशियां सक्रिय रहें। इसके लिए हर 2 दिन में फीजियोथेरपिस्ट को लाना पड़ता है। बाकी पूरे दिन में तीन से चार घंटे फेमिली वाले बारी-बारी से उसके शरीर की मांसपेशियों की एक्सरसाइज कराते हैं। शैतान सिंह ने कहा कि इसका इलाज दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन जोल्गेन्स्मा है। मुंबई में एक बच्ची इस बीमारी से पीड़ित है, उसके लिए क्राउड फंडिंग से पैसा जुटाया गया था और मोदी सरकार ने दवा पर लगने वाला 5 करोड़ का टैक्स माफ कर दिया था। उसके बाद से ही हममें हिम्मत के साथ उम्मीद जगी है।
– चिकित्सा मंत्री जी ने तो हाथ खड़े कर दिये
तनिष्क के पिता शैतान सिंह ने चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा के बंगले पर तनिष्क के ईलाज के लिए गुहार लगाई परंतु मंत्री ने यह कहा कि 16 करोड़ का ऐसा कोनसा इंजेक्शन आता है, इस पर मुख्यमंत्री ही कुछ कर पायेंगे। शुक्रवार की रात को तनिष्क को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और बेहोशी की हालत में था तो उसे परबतसर हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने कहा कि बच्चे में ब्लड की कमी है और इसे आप सीधे जेकेलोन की दिखाए. जेकेलोन में तनिष्क को आईसीयू में रखा हुआ है अभी तक और तनिष्क के हालत वैसे ही है, तनिष्क के माता पिता का कहना है कि वह सरकार से बार गुहार लगा चुके हैं,
तनिष्क के पिता शैतान सिंह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मिले उन्होंने भी आश्वासन दिया परंतु अभी तक किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं मिली है सरकार से। तनिष्क के पिता सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि चिरंजीव योजना के अंतर्गत  दुर्लभ बीमारियां को भी जोड़ा जाए ताकि इस तरह की बीमारी से जूझ रहे बच्चों को सहायता मिल सके. तनिष्क सिंह जिनेटिक स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी टाइप-1 जैसी दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है। तनिष्क को इलाज के लिए एक इंजेक्शन की जरूरत है जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपये है। हाल ही में इस बीमारी से पीड़ित बच्चें के इलाज के लिए पीएम मोदी की ओर से 6 करोड़ का टैक्स माफ किया गया था। तनिष्क के माता-पिता ने सोशल मिडिया के जरिये देश की जनता के साथ-साथ पीएम मोदी, सीएम अशोक गहलोत, फिल्म कलाकार और समाज सेवी सोनु सूद, नागौर सांसद हनुमान बेनिवाल से मदद की गुहार लगाई है।

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