Sachin Pilot
PCC chief Sachin Pilot, Robert Vadra, ground scam, CBI probe, abuse

जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने आज विधानसभा में प्रस्तुत राज्य बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे भाजपा सरकार के तीन वर्षों के कुशासन से उबरने के लिए किया गया असफल दिशाहीन प्रयास बताया है। पायलट ने कहा कि भाजपा सरकार के इस बजट में सर्वसमावेशी योजनाएं जारी कर जनता को राहत दी जा सकती थी, क्योंकि आगामी वर्ष में चुनाव होने के कारण सरकार लोकलुभावनी घोषणाओं तक सीमित रहेगी। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि सरकार के इस बजट में जो घोषणाएं की गई है, उनके दिशाहीन होने के कारण उन सभी योजनाओं का वित्तीय भार आगामी समय में बनने वाली सरकार पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि गत् 8 नवम्बर को हुई नोटबंदी का पूरा प्रभाव बजट में देखने को मिला है। भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण राजकोषीय घाटा बढ़ा है जिससे उबरने के लिए सरकार ने बजट में कोई नीति स्पष्ट नहीं की है। बजट में महंगाई कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाये गये जबकि सरकार को पेट्रो-पदार्थों पर वैट कम किया जाना चाहिए था ताकि सरकार द्वारा अप्रत्याशित महंगाई बढ़ाने के लिये विद्युत पर लगाये गए विद्युत फ्यूल सरचार्ज, स्थायी शुल्क, विद्युत दरों में बढ़ोत्तरी, पेट्रोल-डीजल पर सेस के विपरीत प्रभाव से जनता को राहत मिलती। उन्होंने कहा कि सरकार दावा कर रही है कि राजकोषीय घाटा जीडीपी का 2.9 प्रतिशत रहेगा जो खोखला है क्योंकि गत् वर्ष भी यही दावा किया था और जबकि घाटा 6 प्रतिशत तक पहुँच गया है। सरकार को बजट में गैस व चीनी पर सब्सिडी की घोषणा करनी चाहिए थी जिससे दूरी बनाकर सरकार ने अपनी संवेदनहीनता का परिचय दिया है। बजट में कृषि व किसान की अनदेखी की गई है। खाद व कृषि उपकरणों पर सब्सिडी नहीं बढ़ायी गई है। उन्होंने कहा कि बजट में महिलाओं की सुरक्षा के साथ भी समझौता हुआ है क्योंकि सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की भाजपा सरकार की पूर्ववर्ती समय की योजनाएं खोखली साबित हुई है और इस बजट में भी महिला सुरक्षा के लिए कोई ठोस मापदण्ड निर्धारित नहीं किये गए है। श्री पायलट ने कहा कि राजस्थान में आईटी हब विकसित होने की पूरी संभावनाएं है जो रोजगार निर्मित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। परन्तु सरकार ने इस संभावना की अनदेखी कर युवाओं को मिलने वाले अवसर को समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्कूलों को क्रमोन्नत करने व शिक्षकों की पदोन्नति के लिए बजट में अपनी पीठ थपथपायी है जबकि सच्चाई यह है कि समानीकरण व एकीकरण के नाम पर 20 हजार से ज्यादा स्कूल बंद कर दिए गए है और एक लाख शिक्षक सरप्लस हो गए है जिसके कारण शिक्षा के क्षेत्र में नौकरी प्राप्त करने के आंकाक्षी युवाओं की आशाओं पर पानी फिर गया है।
पायलट ने कहा कि एक बार फिर सरकार ने युवाओं को भ्रमित करने के लिए गत् तीन साल में 11 लाख रोजगार सृजित किये जाने का दावा करते हुए वर्तमान बजट में डेढ लाख नौकरियां देने की बात की है। जबकि सच्चाई यह है कि सरकार पिछले तीन बजट में किये गये रोजगार के वादों का 10 प्रतिशत भी पूरा नहीं कर पायी। उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन के दावे को पूरा करने का रोडमैप क्या होगा, इसे स्पष्ट करने में सरकार पूरी तरह से विफल रही है। रिसर्जेंट राजस्थान व एग्रो-मीट के नाम पर क्या प्रगति हुई है, इसे सरकार द्वारा बजट में स्पष्ट नहीं किया जाना सरकार के निवेश के दावों को धत्ता बता रहा है। रिफाइनरी, मेट्रो फेज-2 को बजट में शामिल नहीं किया जाना भाजपा सरकार के राजनैतिक द्वैष का परिचायक है। उन्होंने कहा कि निःशुल्क दवा योजना एवं निःशुल्क चिकित्सीय जाँच योजना के पेटे बजट आवंटन का खुलासा नहीं किया गया है जो बताता है कि सरकार निःशुल्क जाँच योजना को निजी हाथों में देने का पूरा मानस बना चुकी है। उन्होंने कहा कि रोडवेज, आरटीडीसी जैसे विभागों को घाटे से उबारने के लिए बजट में कोई वित्तीय प्रावधान नहीं किये गये है जो बताता है कि सरकार इन विभागों के निजीकरण की कवायद को अंजाम दे रही है।
उन्होंने कहा कि गत् समय की पेयजल योजनाओं को वर्तमान बजट में शामिल कर सरकार ने खुद स्वीकार कर लिया है कि गत् तीन वर्षों में प्रदेश में पेयजल से संबंधित प्रगति शून्य रही है। उन्होंने कहा कि महंगाई के दौर में शिक्षाकर्मियों का जो मानदेय बढाया गया है वह ऊँट के मुँह में जीरे के बराबर है।

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