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– नोटबंदी से त्रस्त जनता के लिए राहत का कोई रोडमैप नहीं, नये जिलों की घोषणा नहीं होने से जनता में भारी निराषा
जयपुर। राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने कहा है कि आज पेश किये गये राज्य के वार्षिक बजट में नये जिलों की घोषणा नहीं होने से पूरे प्रदेश में भारी निराषा व्याप्त है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने नये जिले घोषित करने को लेकर प्रदेष की जनता को बड़े-बड़े सब्जबाग दिखाये थे, लेकिन बजट में जनता के यह सपने तोड़ दिये। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल की बजट घोषणाओं की पेंडेंसी बहुत ज्यादा है। ऐसे में नई बजट घोषणाओं पर भरोसा करना कठिन है। इसके साथ ही, आज प्रस्तुत बजट में सरकार ने बड़े प्रोजक्टों से किनारा करने के साथ ही अनेक योजनाओं में भरपूर कटौती की है। रामेश्वर डूडी ने इस बजट को पेंडेंसी, कटौती और जुमलों का बजट करार दिया है।
नेता प्रतिपक्ष रामेष्वर डूडी ने बजट के बाद विधानसभा परिसर में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि इस बजट में प्रदेष के किसानों, युवाओं, महिलाओं सहित सभी वर्गों की अनदेखी की गई है। नोटबंदी से पूरे प्रदेष के उद्योग धंधे चैपट हो गये हैं। छोटे व्यापारियों व किसानों को गहरा आघात पहुंचा है लेकिन मुख्यमंत्री ने अपने बजट में प्रदेष की जनता को राहत देने की कोई चिंता नहीं जताई है। डूडी ने कहा कि नोटबंदी से प्रदेष के सहकारी एवं ग्रामीण बैंकों की अर्थव्यवस्था डगमगा गई। लेकिन बजट में इनके सुदृढ़ीकरण की उपेक्षा की गई है। वहीं, प्रदेष में पुलिस तंत्र के सुदृढ़ीकरण का मौका भी सरकार ने गंवा दिया है, जिसकी आज सख्त जरूरत थी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बजट में रिफाइनरी, जयपुर मेट्रो, बांसवाड़ा-डूंगरपुर-रतलाम रेल प्रोजेक्ट जैसे अहम प्रोजेक्टों की चर्चा तक नहीं की गई है। इस बजट में जयपुर की रिंग रोड और पृथ्वीराजनगर जैसे नगरीय विकास से जुड़े अहम प्रोजेक्टों की भी उपेक्षा की गई है। सरकार ने कोई नये विष्वविद्यालय नहीं खोले हैं और बीकानेर के तकनीकी विष्वविद्यालय को शुरू करने को लेकर भी कोई संकल्प नहीं जताया है। वहीं, प्रदेष के सात अधूरे मेडिकल काॅलेजों के बारे में भी बजट में कोई चर्चा नहीं की गई है। डूडी ने कहा कि बजट में पेयजल, सिंचाई, कृषि, ग्रामीण विकास एवं पंचायतराज जैसे अहम विषयों में भारी कटौती की गई है। पिछले साल सरकार ने 3 लाख मैट्रिक टन यूरिया के भंडारण का लक्ष्य रखा था, लेकिन इस बार यह लक्ष्य घटाकर आधा कर दिया गया है। सिर्फ डेढ़ लाख मैट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया है। गत वर्ष सरकार ने इंदिरागांधी नहर परियोजना की रिलाइनिंग के लिए 3 हजार 264 रूपये खर्च करने की घोषणा की थी। इस बार इसमें भारी कटौती की गई है। जबकि पिछले साल जर्जर नहरी तंत्र की रिलाइनिंग पर सरकार ने कोई काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि कोटा संभाग की परवन बहुउद्ेष्यीय सिंचाई परियोजना पर गत वर्ष सरकार ने 4824 करोड़ रूपये की योजना बनाई थी। इस बार बजट में मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि इस परियोजना को लेकर केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्य सरकार परवन सिंचाई परियोजना को लेकर निरंतर विरोधाभासी बातें कर रही है। कभी इसे लेकर बजट राषि की घोषणा की जाती है, कभी इसे विचाराधीन बताया जाता है।
नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर  डूडी ने कहा कि इस बजट में प्रदेष के युवाओं के लिए रोजगार का कोई संकल्प नहीं जताया गया है। सरकार प्रदेष में रोजगार सृजन के दायित्व से विमुख हो रही है और सरकार का पूरा ध्यान पीपीएल यानी ’पब्लिक प्रोपर्टी लूट अभियान’ पर केन्द्रित हो गया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस बजट में रिसर्जेंट राजस्थान को लेकर सरकार का मौन भी आष्चर्यजनक है। वहीं प्रदेष में अल्पसंख्यक, आदिवासी, दलित एवं पिछड़े वर्ग के कल्याण को लेकर भी कोई सार्थक कार्ययोजना प्रस्तुत करने में सरकार विफल रही है।

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