नई दिल्ली। जनता दल यूनाइटेड में अब सियासी दावपेंच का खेल शुरू हो गया है। जिस तरह से बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने महागठबंधन का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थामा, उससे नाराज जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव की भौंहे अब तनी हुई ही देखने को मिल रही है। एक दिन पहले ही शरद यादव ने संकेत दिए दे दिए थे कि वे पार्टी पर अब अपना दावा ठोकेंगे और चुनाव आयोग में जल्द ही इसको लेकर आवेदन देंगे। इसी को देख नीतीश कुमार की ओर से भी उठापठक का खेल शुरू कर दिया गया है।

शरद यादव के तीखे तेवरों को भांपकर बिहार जदयू अध्यक्ष वरिष्ठ नारायण सिंह ने शरद यादव के समर्थक 21 नेताओं को निलंबित करते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इसमें विधायक रमई राम और सीतामढ़ी से पूर्व सांसद अर्जुन राय, वैशाली के पूर्व विधायक राजकिशोर सिन्हा समेत जिला अध्यक्ष, प्रखंड अध्यक्ष स्तर तक के नेता शामिल हैं। जबकि पार्टी ने राज्यसभा सांसद अली अनवर को पहले ही निलंबित कर दिया था। शरद यादव खेमे से अहम नेता अली अनवर ने कहा कि नीतीश कुमार के साथ पार्टी की सिर्फ बिहार इकाई का समर्थन है। उन्होंने कहा है कि असली जदयू तो शरद यादव के पास है जबकि नीतीश के पास तो महज बिहार की सरकारी जदयू है।

-शरद खेमे ने किया 14 राज्य इकाईयों का समर्थन का दावा
बता दें रविवार को ही शरद यादव खेमा से जदयू पार्टी संगठन पर अपना कब्जा जताने के लिए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाने की बात सामने आई थी। शरद खेमे का कहना है कि उसे 14 राज्य इकाइयों का समर्थन है। जिन्होंने लिखित में अपना समर्थन शरद यादव दिया और विश्वास जताया। जदयू के राज्यसभा में कुल 10 सांसद हैं। जिसमें शरद खुद भी शामिल हैं। शरद यादव को जदयू के 2 राज्यसभा सांसदों का समर्थन भी प्राप्त है।

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