जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी प्रदेशवासियों का आह्वान किया है कि कोरोना के खिलाफ जंग में अपने आप को समर्पित करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, संविदाकर्मियों आदि के साथ-साथ आम राजस्थान वासियों के समन्वित प्रयास एवं सहयोग से ही इस लड़ाई को जीता जा सकता है।
गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ’ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे’ के उपलक्ष्य में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे का संदेश है कि लोग शरीर को स्वच्छ रखने के लिए खाने से पहले और शौच के बाद हाथ धोएं। कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने जो हैल्थ प्रोटोकॉल जारी किया है, उसमें मास्क लगाने और शारीरिक दूरी के साथ-साथ बार-बार हाथ धोने पर भी जोर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल हैंडवाशिंग डे का उद्देश्य है संक्रमित बीमारियों से बचाव। उन्होंने कहा कि सही ढंग से और बार-बार हाथ धोने से डायरिया, फेफड़ों के संक्रमण और मौसम बदलने से होने वाली बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। आम लोगों को यह संदेश समझाने के लिए ही राज्य सरकार ने गैर-राजनीतिक जन आन्दोलन शुरू किया है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने ग्लोबल हैंडवाशिंग डे को संकल्प दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हाथ धोने की आदत से कोरोना महामारी सहित सभी संक्रामक बीमारियों से बचा जा सकता है और इसमें की गई लापरवाही बड़े स्तर पर लोगों के स्वास्थ्य के लिए घातक सिद्ध हो सकती है। उन्होेंने कहा कि व्यक्तिगत स्वच्छता को अपनाने के साथ-साथ हमें सामाजिक स्वच्छता पर भी जोर देना होगा और इसके लिए लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाने से रोकना होगा।
यूनिसेफ की राज्य प्रतिनिधि आइजॉल बार्डम ने कहा कि पिछले कुछ वर्षाेंं के दौरान शिक्षा और स्वास्थ्य विभागों की सहभागिता से चले अभियान के कारण राजस्थान में हाथ धोने के प्रति जागरूकता के स्तर में सुधार आया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण काल में हाथों की स्वच्छता का महत्व और अधिक बढ़ गया है।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पंचायती राज, महिला एवं बाल विकास, स्वायत्त शासन आदि विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। विभिन्न जिलों के कलक्टर, जिला परिषद के अधिकारी तथा पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधि एवं आमजन भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जुड़े।

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