अजमेर. दलित अधिकार केन्द्र जयपुर, दलित महिला मंच, राजस्थान व एक्षनएड जयपुर के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक 4-5 अक्टूबर 2018 को पास्टल सोषल सेन्टर, मदार, अजमेर में राज्य स्तरीय ‘‘दलित महिला मिलन समारोह‘‘ का ऐतिहासिक आयोजन किया जायेगा।

इस आयोजन का उद्घाटन अजमेर की कलेक्टर आरती डोगरा द्वारा किया जायेगा। समारोह में अनिता भेदल, राज्य मंत्री, महिला बाल विकास विभाग, बीजू जाॅर्ज जोसफ, आई.जी. अजमेर रेंज, अरूणा राय, सामाजिक कार्यकर्ता, मजदूर किसान षक्ति संगठन, राजसमन्द आदि को आमंत्रित किया गया है इनके आने की भी सम्भावना है।
इस राज्य स्तरीय ऐतिहासिक दलित महिला सम्मेलन में राज्य भर से अजमेर, कोटा, उदयपुर, जोधपुर, भरतपुर, जयपुर व बीकानेर संम्भाग के सभी 33 जिलों से दलित समुदाय की जाटव, मेघवाल, बैरवा, रैगर, बलाई, धानका, नायक, कंजर, कालबेलिया, नट, बावरिया, बागरिया, सालवी, जीनगर, भाम्बी, साठिया, ढोली, बेडिया, कोली, धोबी, खटीक, वाल्मीकी आदि 22 जातियों की लगभग 200 महिलाऐं भाग लेगी। उक्त आयोजन अपने आप में यह अनोखा आयोजन होगा क्यांेकि यह आयोजन, महिलाओं का, महिलाओं के लिए व महिलाओं के द्वारा संचालित किया जायेगा। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में महिलाओं को अपनी पीडा, समस्या, जीवन का अच्छा बुरा अनुभव, महिला व दलित महिला होने के कारण झेली गई पीडा आदि को महिलाओं के सामने सांझा दिया जायेगा। इस कार्यक्रम में दलित महिलायें अपनी परम्परागत लोक कलाओं, कहानी, संस्मरण, कविता, गीत, भजन, नृत्य आदि के माध्यम से अपने अनुभव व छिपी हुई कला व प्रतिभा को प्रदर्षित की जायेगी।

इस सम्मेलन के आयोजन का मुख्य उद्ेेष्य दलित महिलाओं को एक मंच प्रदान करना है ताकि इस मंच के माध्यम से दलितों के द्वारा दलितों में ही सामाजिक स्तर पर होने वाले आन्तरिक स्तर पर जातिगत भेदभाव को समाप्त किया जा सके। क्योकि पिछले लम्बे अनुभव के बाद में महसूस किया गया है कि सामाजिक परिवर्तन के लिए महिलाओं का योगदान रेखाकिंत करने योग्य होता है। क्यों की दलित महिलाओं के प्रयास से दलितों में होने वाली आन्तरिक स्तर पर भेदभाव को पुरूषों की तुलना में महिलाऐं आसानी से बदलाव ला सकती है, ताकि दलित समुदाय में होने वाला अन्र्तजातिय भेदभाव समाप्त हो सके, एक मंच पर आने से दलित महिलाओं में नेतृत्व क्षमता का विकास करना, कानूनी जानकारी प्रदान करना, गरीमा व स्वाभीमान की भावना पैदा करना है ताकि दलित महिलाऐं एक जुट होकर अपने अधिकार व सम्मान की बात कर सके।
इस कार्यक्रम में सामाजिक संगठनों की महिला प्रतिनिधि, महिलाओं पर काम करने वाले संगठन, महिला समुदायिक लीडर, सिविल सोसायटी के प्रतिनिधि, महिला जनप्रतिनिधि, महिला एडवोकेट, महिला सामाजिक कार्यकर्ता मुख्य रूप से भाग लेगी।

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