नई दिल्ली। भारतीय सेना को मंगलवार को जम्मू कश्मीर में एक ऑपरेशन के दौरान बड़ी कामयाबी हाथ लगी। सेना ने कार्रवाई करते हुए घाटी में लश्कर-ए-तैयबा के चीफ व खुंखार आतंकी अबू दुजाना को मार गिराया। काफी समय से दुजाना सेना के राडार पर था। उस पर घाटी में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देना व सैन्यबलों पर हमला करने का आरोप था। अबू दुजाना लश्कर का टॉप कमांडर था, जो पिछले कई माह से सैन्यबलों के निशाने पर था। सुरक्षाबलों ने उस पर 10 लाख का इनाम भी घोषित कर रखा था।
-मोबाइल बना मौत की वजह
खबरों में बताया गया कि दुजाना की मौत की वजह उसका मोबाइल फोन बना। मोबाइल फोन ने ही उसकी लोकेशन को ट्रेस करने में सैन्यबलों को बड़ी सफलता दिलाई। इससे पहले भी सेना ने उसको पकडऩे के लिए बड़ा अभियान छेड़ा था, लेकिन वह मौके से भाग निकलने में कामयाब रहा। मोबाइल पर किसी से संपर्क के दौरान ही सेना को उसके कॉन्टेक्ट व अन्य ट्रैकिंग से मूवमेंट का पता चला। दुजाना पर घेरा बढ़ाने के साथ ही सेना ने उसकी गतिविधियों को ट्रैक करना शुरू कर दिया था। मंगलवार तड़के उसकी लोकेशन पुलवामा के हाकरीपोरा में पता चली तो उसे घेर लिया।
-यूं चला एनकाउंटर
मंगलवर की तड़के सुबह करीब 4 से 5 बजे के बीच सीआरपीएफ की 182 बटालियन, 183 बटालियन, 55 राष्ट्रीय राइफल व एसओजी ने कश्मीर के पुलवामा स्थित हाकरीपोरा गांव में घेराबंदी की। यहां सेना के घेराबंदी करने के साथ आतंकियों से मुठभेड़ शुरू हो गई। जिस मकान में दुजाना छिपा था। उस मकान में शुरुआती 4 घंटे तक एक भी गोली नहीं चली, फिर भी सेना ने उसे घेरे रखा। बाद में राकेट लॉचर दाग कर आग लगा दी। हालांकि अभी तक दुजाना की शिनाख्त नहीं हो पाई है। फिर भी यह बताया जा रहा है कि इस एनकाउंटर के दौरान दुजाना के साथ ही आरिफ ललहारी भी मारा गया है।
-पहले भी चकमा देकर भागा
इससे पहले भी सुरक्षाबलों ने हाल ही 19 जुलाई को अबू दुजाना को घेर लिया था। पुलवामा के ही बंदेरपुरा गांव में उसे पकडऩे के लिए घेरा डाला। लेकिन वह सुरक्षाबलों को चकमा देकर भाग निकला। वहीं मई माह मे भी हकरीपोरा गांव में दुजाना की घेराबंदी की तो स्थानीय लोगों के पथराव के बीच वह भाग निकला।


































