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जयपुर। राजस्थान के बहुचर्चित जयपुर की खासाकोठी होटल से बेशकीमती ईरानी शैली के कालीन गायब होने के मामले में अब सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। इस मामले में जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस नवीन सिंहा की खण्डपीठ दो सप्ताह बाद सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ता राम सिंह कस्वा की याचिका पर कोर्ट ने ये आदेश दिए हैं। रामसिंह कस्वा ने इस मामले में सीबीआई जांच की गुहार की है। शीर्ष कोर्ट के इस मामले में सुनवाई करने से कालीन गायब होने के मामले में मुख्य आरोपी सीएम वसुंधरा राजे के ओएसडी धीरेन्द्र कामठान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पुलिस दस्तावेज में खासाकोठी से एक दर्जन से अधिक ईरानी शैली के कालीन ओएसडी धीरेन्द्र कामठान द्वारा ले जाना बताया गया है। यह कालीन मुख्यमंत्री कार्यालय के नाम पर लिए गए थे, लेकिन बाद में लौटाए नहीं गए। इस मामले में पीडब्ल्डूडी के अभियंता और होटल के अफसरों की संलिप्तता सामने आई है।

हालांकि इस मामले में अभी तक ना तो गायब हुए कालीन बरामद हुए हैं और ना ही पुलिस ने आरोपियों से कड़ी पूछताछ कर पा रही है। अगर इसमें निष्पक्ष जांच हुई तो कई रसूखदार कानूनी शिकंजे में आ सकते हैं। गायब कालीन एक सौ साल से अधिक बताए जाते हैं और जयपुर राज परिवार की ओर से खासाकोठी होटल को दिए गए थे। ये कालीन होटल में थे और मुख्यमंत्री कार्यालय की साज-सज्जा के नाम पर कालीन बाकायदा पत्र व्यवहार के जरिये लिए गए। गायब कालीनों की कीमत कई सौ करोड़ रुपए बताई जाती है। गायब कालीनों का नहीं मिलना और ना ही मुख्यमंत्री कार्यालय में पहुंचना एक बड़ी पहेली बना हुआ है। ना तो पुलिस इस पर पहुंच रही है और ना ही सरकार इसकी जांच पर ध्यान दे रही है। हालांकि कांग्रेस राज में इस मामले में अनुसंधान हुआ और इसमें धीरेन्द्र कामठान व दूसरे लोगों पर जुर्म प्रमाणित माना गया।

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