jaipur. उपराष्ट्रपति एम वेकैंया नायडू ने संयुक्त राष्ट्र और अऩ्य बहुराष्ट्रीय संगठनों से मांग की हैं कि वे आर्थिक भगोड़ो के प्रत्यर्पण के लिए कार्यनीति तय करें। वे आज नई दिल्ली में सीआईटीआई हीरक जयंती समारोह के सिलसिले में आयोजित सीआईटीआई ग्लोबल टेक्सटाइल्स सम्मेलन 2018 को संबोधित कर रहे थे। केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनकी यूरोप, लेटिन अमेरिका और अफ्रीका की यात्राओं के दौरान विश्व के नेताओं ने भारत की प्रगति की सराहना की और कहा कि भारत उल्लेखनीय विकास कर रहा हैं। उन्होंने कहा कि भारत की विकास गाथा में विश्व समुदाय गहरी रूचि ले रहा है। नायडू ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और विश्व समुदाय को ऐसा समझौता करने की दिशा में अग्रणी भूमिका अवश्य निभानी चाहिए, जिससे बैंक खातों के बारे में जानकारी का आदान-प्रदान संभव हो सके।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा का परिदृश्य बनाए रखने के लिए जवाबदेही और पारदर्शिता, व्यापार में ईमानदारी और उत्पादों में मानक अपनाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत में कच्चा माल, प्रशिक्षित कामगार, विनिर्माण क्षमता, व्यापक कताई, बुनाई, प्रोसेंसिग और परिधान विनिर्माण जैसी सुविधाओं को देखते हुए देश को विश्व प्रतिस्पर्धा में निश्चित रूप से लाभ होगा।
नायडू ने कौशल विकास, उन्नयन और डिजिटल टेक्नोलॉजी तथा अनुकूल विनिर्माण प्रणालियां अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी स्थान हासिल किया जा सके।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत को परम्परागत कारीगरों और आधुनिक पद्धतियों का संयुक्त रूप से लाभ प्राप्त हैं। उन्होंने कहा कि हमे न केवल विश्व को व्यापक विविधता प्रदान करनी है, बल्कि टेक्सटाइल्स विनिर्माण और निर्यात के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका भी निभानी है।