Raksha Mantri-Celebrates Diwali-command
The Union Minister for Defence, Smt. Nirmala Sitharaman celebrating the Diwali with troops and their families, at the Andaman and Nicobar Command, on October 18, 2017.

jaipur. रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में औपचारिक रूप से “मिशन रक्षा ज्ञान शक्ति” की शुरूआत की। इस कार्यक्रम में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों और आयुध फेक्ट्रियों द्वारा विशेष आविष्कारों तथा नवाचारों को प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में इन उत्पादों के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार के तहत सफल आवेदनों का भी परिचय दिया गया। राष्ट्र के लिए उपयोगी उत्पादों के आविष्कार के संबंध में सीतारमण ने कुछ वैज्ञानिकों का भी स्वागत किया। इस अवसर पर एक परिचर्चा का आयोजन भी हुआ, जिसमें सभी रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के अध्यक्ष और महानिदेशकों ने हिस्सा लिया। परिचर्चा में भविष्य के लिए रणनीति पर विचार किया गया।

उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री ने रक्षा उत्पादन विभाग और गुणता आश्वासन महानिदेशालय के प्रयासों की सराहना की। इन संगठनों ने बौद्धिक संपदा अधिकार के बारे में जागरूकता पैदा करने में अहम भूमिका निभाई है। प्रमुख वक्तव्य देते हुए रक्षा उत्पादन सचिव डॉ. अजय कुमार ने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि हम विदेशी स्रोतों से प्रौद्योगिकी अंतरण की संस्कृति से आगे बढ़कर स्वयं भारत में बौद्धिक संपदा का सृजन करें, ताकि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त कर सकें।

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने की मौजूदा पहलों के अंग के रूप में रक्षा उत्पादन विभाग ने “मिशन रक्षा ज्ञान शक्ति” नामक एक नई रूपरेखा शुरू की है। इसका उद्देश्य स्वदेशी रक्षा उद्योग में भौतिक संपदा अधिकार संस्कृति को बढ़ावा देना है। गुणता आश्वासन महानिदेशालय को कार्यक्रम के समन्वय और कार्यान्वयन की जिम्मेदारी दी गई है।

कार्यक्रम में रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी.सतीश रेड्डी, तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी, भारतीय आयुध निर्माणियाँ बोर्ड के अध्यक्ष और सभी रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के प्रबंध निवेशकों सहित भारी संख्या में अन्य विशिष्ट जन उपस्थित थे।

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