– जयपुरिया, जयपुर में इंटरनेषनल काॅन्फ्रेंस में रूबरू हुई फोगाट सिस्टर्स

जयपुर। जयपुरिया इंस्टीट्यूट आॅफ मैनेजमेंट, जयपुर की चैथी इंटरनेषनल काॅन्फ्रेंस ‘यूथ-2017‘ के दौरान पार्टिसिपेंट्स से ‘धाकड़ गल्र्स‘- गीता व बबीता फोगाट रूबरू हुई। ये बहनें इस काॅन्फ्रेंस में यूथ आइकन के तौर पर आमंत्रित की गई थीं। जैसे ही इन बहनों ने कैम्पस में एंट्री कीं, स्टूडेंट्स ने इनका जोरदार स्वागत किया। इन्हें सुनने के लिए काॅलेज आॅडिटोरियम 700 से अधिक लोगों मौजूद थे और यहां मौजूद पार्टिसिपेंट्स व स्टूडेंट्स ने इनके प्ररणास्पद शब्दों को खड़ा रहकर भी सुना। गीता व बबीता फोगाट ने वीड़ियो प्रजेंटेषन के जरिए प्रस्तुत किए गए जयपुरिया, जयपुर के सफर को देखा। इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डाॅ. प्रभात पंकज ने अतिथियों का स्वागत किया और डाॅ. वंदना शर्मा ने इनके साथ इंटरेक्षन किया। इस दौरान गीता व बबीता फोगाट ने अपनी सफलता के सफर व अनुभवों को पार्टिसिपेंट्स के साथ साझा किया।
गीता ने बताया कि उन्होंने 13-14 वर्ष की उम्र में कुष्ती सीखना शुरू कर दिया था। उन्होंने कुष्ती के बारे में सिर्फ उनके पिता से ही सुना था। बबीता ने बताया कि उन्होंने किस प्रकार कुष्ती को एक खेल के रूप में खेला और इसके भविष्य के बारे में कुछ भी पता नहीं था। इन बहनों ने अपनी ट्रेनिंग के शुरूआती अनुभव भी साझा किए और बताया कि उन्हें रोजाना सुबह 3 बजे उठ जाना पड़ता था, जिससे उन्हें काफी परेषानी होती थीं। गीता ने बताया कि उनके जीवन में किस प्रकार उनके पिता, मां व भाईयों का अहम योगदान रहा है और कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और अनुशासन की वजह से ही वे सफल हो पाई हैं। उन्होंने इस तथ्य पर जोर दिया कि लड़कियों को स्वयं को कमजोर समझने की मानसिकता बदलनी होगी। उन्होंने कहा कि गल्र्स को सिर्फ मैडल जीतने के लिए ही नहीं, बल्कि भीतरी ताकत के लिए भी खेलों में शामिल लेना चाहिए। बबीता ने लोगों को लड़कियों के प्रति अपनी सोच बदलने की बात करते हुए कहा कि ‘लड़कियां किसी भी तरह लड़कों से कमजोर नहींे है‘। गीता ने स्टूडेंट्स को सलाह दी कि ‘कड़ी मेहनत करो, वो भी डिसिप्लिन के साथ, और अपने माता, पिता व गुरू की एडवाइज हमेषा फाॅलो करो‘। इंटरेक्षन के दौरान स्टूडेंट्स के बीच इन धाकड़ गल्र्स के साथ सेल्फी लेने की होड़ देखने को मिली। स्टूडेंट्स ने कहा कि फिल्म दखने के बाद इन बहनों से मिलकर उनका सपना सच हो गया। इनके प्ररणास्पद शब्दों ने स्टूडेंट्स को काफी मोटिवेट किया।

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