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विश्व मधुमेह दिवस
जयपुर. मधुमेह रोगियों की संख्या दुनियाभर के अंदर सबसे ज्यादा भारत में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार विश्व में 44.2 करोड मधुमेह रोगी हैं। भारत में वर्ष 2030 में मधुमेह रोगियों की संख्या आठ करोड़ के आसपास हो जाएगी। भारत में इस बीमारी के जितने रोगी है वो एक विश्व रिकार्ड है। विश्व में भारत को मधुमेह की राजधानी कहा जाता है।
डां. पी. पी. पाटीदार वरिष्ठ मधुमेह एवं डायबिटीज रोग विषेषज्ञ जीवन रेखा अस्पताल जयपुर ने बताया की, मधुमेह रोग राष्ट्रीयता, लिंग या आर्थिक स्थिति के आधार पर भेदभाव नहीं करता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार मधुमेह से होने वाली 80 प्रतिशत मृत्यु निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में होती है। गत वर्ष के आंकड़ों के अनुसार भारत में 7.2 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं। इसमें से 3.6 करोड़ से ज्यादा लोगों में मधुमेह का पता ही नहीं चलता हैं। ऐसा अनुमान है कि विश्व में मधुमेह से पीड़ित होने वाला हर पांचवा व्यक्ति भारतीय है। आमतौर पर मधुमेह के 90.95 प्रतिशत रोगी टाइप 2 या से पीड़ित होते हैं।
डां. पी. पी. पाटीदार वरिष्ठ मधुमेह एवं डायबिटीज रोग विषेषज्ञ जीवन रेखा अस्पताल जयपुर ने बताया की भरत युवाओं का देष है और डायबिटीज रोग अब युवा शक्ति को ही खाने में लगा हुआ है। वर्तमान समय में इडिंयन कौंसिल आॅफ मेडिकल रिसर्च के सर्वे के मुताबिक 25 वर्ष से कम उम्र के 63.9 प्रतिषत युवा इसकी चपैट में है। जो की देष के लिए अच्छा नहीं है।
-इसलिए मनाया जाता है दिवस -ः
विश्व मधुमेह दिवस प्रतिवर्ष 14 नवंबर को सर फ्रेडरिक बैंटिंग के जन्मदिवस पर मनाया जाता है, जिन्होंने अपने सहयोगी के साथ मिलकर इंसुलिन की खोज की थी तथा जिसका पहली बार मनुष्यों के ऊपर उपयोग किया गया था। यह दिवस प्रतिवर्ष सारे विश्व में मधुमेह से प्रभावित बढ़ते रोगियों में जागरूक फैलाने के लिए मनाया जाता है।
-दो प्रकार का होता है मधुमेह रोग -ः
एक मधुमेह टाइप १ और दूसरा टाइप २ मधुमेह। टाइप १ में इस रोग को इंसुलिन निर्भर, किशोरवस्था या बचपन में शुरुआत होने वाले मधुमेह के रूप में जाना जाता है। इस रोग का कारण शरीर में इंसुलिन का न बनना है। यह रोग जन्म के बाद एवं बचपन में कभी भी हो सकता है। मधुमेह की इस अवस्था को नियमित इंसुलिन से प्रबंधित किया जा सकता है। इसी प्रकार टाइप २ में इंसुलिन निर्भर, किशोर या बचपन में शुरुआत होने वाले मधुमेह के रूप में जाना जाता है। यह वह स्थिति होती है, जिसमें शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन का उपयोग करने में सक्षम नहीं होती हैं। आमतौर पर यह शारीरिक निष्क्रियता के साथ अधिक वजन वाले वयस्कों से जुड़ा है।
-मधुमेह रोग के लक्षण -ः
मधुमेह रोग होने पर मुख्य रूप से लगातार पेशाब आना, अत्यधिक प्यास लगना, जोर से भूख लगना, कमजोरी आना, वजन कम होना, आंखों की कमजोरी, पैरों में सूजन व सुन्नता, घाव एवं चोट का धीमी गति से ठीक होना आदि मुख्य लक्षण माने जाते हैं।
-मधुमेह से बचने के मुख्य तरीके -ः
ताजा फल व सब्जियों का सेवन करें। आहार में तेल का सेवन कम हो तथा रेशा युक्त खाद्य पदार्थों जैसे कि साबुत अनाजोंए दालों एवं अंकुरित दालों को अधिक से अधिक मात्रा में शामिल करें। अधिक मात्रा में आहार का सेवन करने की बजाए दो-तीन घंटे के अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा आहार लें। चीनी, अल्कोहल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें। जीवन शैली में बदलाव व आधे घंटे नियमित व्यायाम जरूरी।

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