– राजपूत समाज संघर्ष समिति के राजपूत नेताओं ने गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया से मिलकर फायरिंग में मरे सुरेन्द्र सिंह राठौड़ मामले की सीबीआई जांच नहीं करवाने की गुहार क्या की, समाज में फिर से फुसफुसाहट होने लगी है, आखिर यह क्या माजरा है।
जयपुर। गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह के गांव सांवराद में 12 जुलाई को हुई सभा के दौरान हुए उपद्रव और हिंसा में फायरिंग से गंभीर घायल हुए और बाद में इलाज के दौरान मौत के शिकार हुए सुरेन्द्र सिंह राठौड़ मामले की सीबीआई जांच में नया मोड सामने आया है। राजपूत समाज संघर्ष समिति के राजपूत नेताओं ने गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया से मिलकर सुरेन्द्र सिंह राठौड़ मामले में सीबीआई जांच वापस लेने की गुहार की है। राजपूत नेताओं ने यह गुहार सुरेन्द्र सिंह के परिजनों की बताई है। उनका तर्क है कि गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह के एनकाउंटर के दिन वह गांव में नहीं था। जबकि इससे पहले एसपी नागौर और जयपुर पुलिस को दिए गए परिवाद में उसके पिता कल्याण सिंह ने दावा किया था कि वह एनकाउंटर के दिन सांवराद में था और एनकाउंटर का गवाह था। इसलिए सांवराद सभा के दौरान पुलिस ने फायरिंग करके उसकी हत्या कर दी, इस मामले की जांच करवाई जाए।

समाज की इस मांग के आधार पर राजस्थान सरकार ने गैंगस्टर आनन्दपाल के साथ फायरिंग में मरे सुरेन्द्र सिंह राठौड़ मौत मामले की जांच भी सीबीआई से करवाने की अनुशंषा जारी कर दी। यह अनुशंषा केन्द्र सरकार को भेज भी दी गई है, लेकिन अब समाज के नेता कह रहे हैं कि सीबीआई जांच वापस ली जाए। हालांकि परिजनों की मांग के आधार पर राजपूत नेता यह मांग करना बता रहे हैं। मंगलवार को शासन सचिवालय में गृहमंत्री कटारिया और राजपूत नेताओं के बीच हुई वार्ता में इस मांग से सवाल उठने लगे हैं। राजपूत समाज में चर्चा होने लगी है कि पहले क्यों सीबीआई जांच की मांग रखी और अब क्यों यू टर्न ले रहे हैं राजपूत समाज के नेता?, इसमें कहीं मिलीभगत का खेल तो नहीं है। जब से यह बात सामने आई है, तब से सोशल मीडिया पर समाज के लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करना शुरु कर दिया है। कुछ कह रहे हैं कि यह मांग सरकार के सामने घुटने टेकने जैसी है। फायरिंग में सुरेन्द्र सिंह मरा है, क्यों डर रहे हैं सीबीआई जांच से?, कहीं मिलीभगत का तो नहीं है? जैसे सवालिया निशान लग रहे हैं।

– कहीं यह डर तो नहीं है…..
राजपूत नेता गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह एनकाउंटर मामले की सीबीआई जांच से पीछे नहीं हट रहे हैं, लेकिन सुरेन्द्र सिंह राठौड़ मौत मामले में सीबीआई जांच वापसी की गुहार कई तरह के संदेह उत्पन्न कर रही है। सरकार ने फायरिंग में मरे सुरेन्द्र सिंह मामले की सीबीआई जांच में 12 जुलाई को सांवराद में हुई हिंसा और उपद्रव मामले को लेकर दर्ज प्राथमिकी का हवाला देते हुए नोटिफिकेशन जारी किया है यानि सांवराद में हुई सभा और उसके बाद हुई हिंसा-उपद्रव घटना की जांच भी सीबीआई द्वारा की जाएगी। संभवतया: नेताओं को डर है कि अगर हिंसा-उपद्रव की भी जांच सीबीआई ने की तो उसकी आंच में वे नेता भी आ सकते हैं, जो समाज को उकसा रहे थे और भड़काऊ भाषण भी दे रहे हैं, जिनके चलते सभा का माहौल भी बदला और सभा हिंसा में तब्दली हो गई। अगर हिंसा-उपद्रव की सीबीआई जांच हुई तो कानून का फंदा आंंदोलनकारी नेताओं पर भी कस सकता है। बताया जाता है कि इस डर के चलते अब सुरेन्द्र सिंह मौत मामले की जांच सीबीआई से वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। अन्यथा जांच हुई तो सीबीआई गैंगस्टर आनन्दपाल एनकाउंटर के साथ फायरिंग में मरे सुरेन्द्र सिंह राठौड़, सांवराद सभा और हिंसा की भी गहनता से जांच करेगी। सीबीआई अनुसंधान के नतीजे सभी को भुगतने पड़़ सकते हैं।

– पहले बनाया दबाव, अब मुकदमा वापसी की मांग

गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह एनकाउंटर मामले की सीबीआई जांच और उसे श्रद्धांजलि देने के लिए 12 जुलाई को आनन्दपाल के गांव सांवराद में राजस्थान से दो लाख से अधिक राजपूत एकत्र हुए। सभा में उमड़ी भीड़ में शामिल कुछ लोगों के उपद्रव और हिंसा करने से माहौल खराब हो गया। उपद्रवी भीड़ ने पुलिसकर्मियों व अफसरों पर जानलेवा हमले कर दिए और उनके हथियार छीनकर फायरिंग भी की। रेलवे ट्रेक उखाड़ दिए थे और आग लगा दी थी। मजबूरन पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें कुछ लोग घायल भी हुए। हालांकि पुलिस का यह भी कहना है कि उपद्रवी लोगों ने फायरिंग की, जिससे लोग घायल हुए। खैर फायरिंग में गंभीर घायल सांवराद निवासी सुरेन्द्र सिंह रठौड़ की मौत हो गई। शुरु में तो मरने वाला का नाम लालचंद शर्मा सामने आया है, लेकिन तीन-चार दिन बाद सुरेन्द्र सिंह राठौड़ सांवराद के तौर पर उसकी शिनाख्त हुई तो माहौल गरमा गया। राजपूत समाज ने जयपुर कूच की घोषणा कर दी। मजबूरन सरकार को भी समाज के साथ वार्ता करनी पड़ी, जिसमें गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह के साथ सुरेन्द्र सिंह राठौड़ की मौत मामले की जांच भी सीबीआई से करवाने की सहमति हुई। लेकिन समाज नेता सुरेन्द्र राठौड़ मामले में अब सीबीआई जांच नहीं करवाने की कह रहे हैं।

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