SC-ST Bill, Fierce, demonstration, North India, protest, pm modi
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जयपुर। एससी-एसटी एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले को बदलते हुए इस बिल में केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा किए गए कड़े प्रावधानों के विरोध में आहूत भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला है। केन्द्र सरकार के संशोधित बिल के विरोध में राजस्थान, उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, दिल्ली में बंद को लेकर उग्र प्रदर्शन हुए। कई जगहों पर रास्ता जाम कर दिया गया। ट्रेनें रोक दी गई। मध्यप्रदेश में तो केन्द्रीय मंत्री व प्रदेश सरकार के मंत्रियों को काले झण्डे दिखाए गए। सांसदों और विधायकों के आवासों पर प्रदर्शन हुए। सुबह से ही बाजार बंद रहे। व्यापारिक संगठनों ने बंद को समर्थन दिया। बंद को देखते हुए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई। मध्यप्रदेश के तीन दर्जन जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई थी। मंत्रियों व विधायकों के बंगलों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई। जगह-जगह पर लोगों ने रास्ते जाम किए और भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कमल का फूल हमारी भूल के नारों के बीच बंद सफल रहा। नरेन्द्र मोदी, अमित शाह के खिलाफ भी लोगों ने नारेबाजी की। बंद का आह्वान सवर्ण और ओबीसी वर्ग ने किया। सभी जातिगत और सामाजिक संगठनों ने बंद को समर्थन दिया। छात्र-छात्राएं स्कूल-कॉलेज नहीं गए तो व्यापारी भी बंद के समर्थन में सड़क पर उतर आए। बिहार के कई जिलों में रेलें रोक दी गई और सड़कों पर जाम लगा दिया गया। पुलिस को बंद समर्थकों को हटाने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा। मध्यप्रदेश में केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, भाजपा सरकार में मंत्री माया सिंह व दूसरे नेताओं को लोगों ने काले झण्ड़े दिखो। उनके घरों के सामने प्रदर्शन किए गए। कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और ज्योतिराय सिंधिया को भी विरोध झेलना पड़ा। उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र में भी जमकर प्रदर्शन हुए। पुलिस को कई जगहों पर बल प्रयोग करके बंद समर्थकों को हटाना पड़ा। आज के बंद को देखते हुए लगता है कि यह विरोध आगे भी जारी रहेगा। बंद समर्थक नेताओं का कहना है कि जब तक केन्द्र सरकार संशोधित एससी-एसटी एक्ट में किए गए बदलावों को वापस नहीं लेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

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