Voluntarily, closed market, Rajasthan
Voluntarily, closed market, Rajasthan

जयपुर। एससी-एसटी बिल के विरोध में सर्व समाज और समता आंदोलन समिति की ओर से गुरुवार को आहूत राजस्थान बंद का बड़ा असर दिखा। राजधानी जयपुर समेत प्रदेश के अधिकांश जिलों में बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। एससी-एसटी के संशोधित बिल के विरोध में आज गुरुवार को सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक बंद का आह्वान किया गया है। जयपुर में सुबह से ही बाजार बंद रहे। व्यापारियों ने स्वेच्छा से प्रतिष्ठान और बाजारों को बंद रखा और इस आंदोलन को प्रत्यक्ष तौर पर समर्थन किया। व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारियों व व्यापारियों ने भी बंद समर्थकों के साथ घूमे और बाजारों को बंद करवाया। परकोटे के अलावा बाहरी क्षेत्रों मानसरोवर, सांगानेर, खातीपुरा, झोटवाड़ा, वैशाली नगर आदि क्षेत्रों में भी बंद का असर दिखा।

ग्रामीण इलाकों में भी लोगों ने दुकानें बंद रखी। यही नहीं सवर्ण और ओबीसी वर्ग के बड़ी संख्या में कर्मचारियों व अफसरों ने आज अवकाश लेकर आंदोलन को समर्थन दिया, साथ ही निजी क्षेत्र के कार्यालय में भी इस वर्ग की उपस्थिति कम रही। स्कूल-कॉलेजों में भी छात्र नहीं गए और आंदोलन के समर्थन में बंद में हिस्सा लिया। जयपुर के अलावा चित्तौडग़ढ़, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, समेत अन्य जिलों में भी बंद का व्यापक असर दिखा। समता आंदोलन समिति के अध्यक्ष पाराशर नारायण शर्मा ने कहा कि राजस्थान बंद को व्यापक समर्थन मिला है। पहली बार है कि बिना किसी तरह के दबाव और हिंसा के यह बंद पूर्णतया सफल रहा। इसका असर व्यापक रहेगा। केन्द्र सरकार ने एससी-एसटी एक्ट में हुए संशोधन को वापस नहीं लिया तो यह आंदोलन तेज किया जाएगा। साथ ही आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा की मांग की गई है। पदोन्नति में आरक्षण बंद होना चाहिए।

आरक्षण में क्रीमीलेयर को बाहर किया जाना चाहिए, जिससे वंचित वर्ग को अधिकाधिक लाभ मिल सके। आज के राजस्थान बंद के दौरान सभी वर्गों ब्राहमण, राजपूत, वैश्य, जाट, कायस्थ, यादव, माली सवर्ण और ओबीसी वर्ग के सामाजिक व जातिगत संगठनों ने बढ़ चढकर हिस्सा लिया। युवाओं का खासा समर्थन मिला। कर्मचारियों ने भी ऑफिस नहीं जाकर सरकार को चेताया है। आज के बंद से केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकार में भी घबराहट है। भाजपा के वोट बैंक समझने जाने वाले सवर्ण समाज के एससी-एसटी एक्ट के विरोध में सड़क पर उतरने और भाजपा सरकार की खिंचाई करने से यह माना जा रहा है कि यह तबका अब भाजपा को सबक सिखाने के मूड में है। सोशल मीडिया में भी केन्द्र की मोदी सरकार के इस फैसले की कड़ी भत्र्सना हो रही है और लोकसभा चुनाव में भाजपा को सबक सिखाने की पोस्ट वायरल हो रही है। राजस्थान के अलावा आज देश के दूसरे राज्यों में भी बंद का व्यापक असर रहा। बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा आदि राज्यों में बंद को व्यापक समर्थन मिला है। कुछ जिलों में हिंसा व उपद्रव के हालात बने हैं।

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