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जयपुर। विगत दो साल से अलग-अलग रह रहे पति-पत्नी ने जज की समझाइश पर एक दूसरे के खिलाफ मुकदमा लड़ने की बजाय आपस में राजीनामा कर खुशी-खुशी घर लौट गये। नाहरगढ़ रोड-चांदपोल बाजार निवासी दीपिका बनाम किशनगढ़-रेनवाल निवासी कमल कुमार मामले में अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश एवं महानगर मजिस्ट्रेट-16, जयपुर मेट्रो भंवर सिंह की ओर से दोनों पक्षों के बीच विवाद को निपटाने के लिए समझाइश की गर्इ। पीठासीन अधिकारी के कई बार काउसलिंग करने के बाद पति-पत्नी ने वापस एक होने का फैसला लिया। बाद में दोनों ने कोर्ट में ही एक-दूसरे के गले में वरमाला डाल कर सभी विवादों का निपटारा कर लिया। कोर्ट मौजूद स्टॉफ और पक्षकारों ने दम्पती के लिये गये फैसलÞ का स्वागत किया और उन्हें बधाई दी।

9 दिसम्बर को है राष्ट्रीय लोक अदालत:
कोर्ट ने इस मामले के निस्तारण में 9 दिसम्बर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत को भी आधार बनाया है। न्यायाधीश भंवर सिंह ने कहा कि लोक अदालत में इस तरह के मामले मिसाल बनने चाहिए, जिसमें सालों से कोर्ट के चक्कर काट रहे परिवादी आपसी सहमति से सुलह कर एक हो जाएं।

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