जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने मानसिक और शारीरिक रूप से दिव्यांग14 वर्षीय याचिकाकर्ता बच्चे को राहत देते हुए चिकित्सा विभाग को तत्काल चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने को कहा है। इसके साथ ही अदालत ने जेवीवीएनएल को आदेश दिए हैं कि वह तत्काल याचिकाकर्ता के किराए के घर का बिजली कनेक्शन जोडे। अदालत ने राज्य सरकार और याचिकाकर्ता से अलग रह रहे उसके पिता अनिल जोशी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। न्यायाधीश मनीष भंडारी की एकलपीठ ने यह आदेश 14 वर्षीय ध्रूव जोशी के अपनी मां के जरिए दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
यााचिका में अधिवक्ता शालिनी श्योराण ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता फ्रेजाइल एक्स नामक बीमारी से ग्रसित है। उसके पिता सरकारी सेवक हैं, लेकिन उन्होंने याचिकाकर्ता को अलग-अलग कर दिया है। याचिकाकर्ता अपनी मां के प्रतापनगर इलाके में किराए से रहता है। गत दिनों उसका बिजली कनेक्शन भी काट दिया गया। याचिका में गुहार की गई है कि उसके पिता उसे आवास और मेडिकल सुविधा देते हुए उसकी सामाजिक जिम्मेदारी वहन करें। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिकाकर्ता को तत्काल मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने के साथ-साथ काटा गया बिजली कनेक्शन जोडने के आदेश दिए हैं।
अदालती समय के बाद हुई सुनवाई
अदालत ने प्रकरण में मानवता दिखाते हुए अदालती समय समाप्त होने के बाद तक सुनवाई करते हुए बच्वें को राहत दिलाई। वहीं आर्थिक रूप से कमजोर याचिकाकर्ता को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से निशुल्क वकील मुहैया कराया गया।
































