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जयपुर । फर्जी दस्तावेजों से त्रिपोलिया बाजार स्थित दी राजलक्ष्मी अरबन कॉपरेटिव बैंक से ऋण लेकर बैंक को करीब 50 लाख रुपए की क्षति पहुंचाने के अपराध में गिरफ्तार किए गए बैंक के तत्कालीन ऋण प्रभारी मदनलाल कट्टा व ऋणी सुमन राजोरिया की जमानत अर्जियां मंगलवार को अदालतों से खारिज हो गई। 9 जनवरी, 2016 को माणक चौक थाने में दर्ज हुए मुकदमें में 6 नवम्बर को गिरफ्तार की गई सुमन राजोरिया (38) पत्नी महेन्द्र राजोरिया निवासी खटीकान की मण्डी रामगंज की जमानत याचिका राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश पंकज भण्डारी ने गंभीर अपराध बताते हुए खारिज कर दी।

इसी मामले में 27 नवम्बर को गिरफ्तार किए गए तत्कालीन ऋण प्रभारी मदनलाल कट्टा की जमानत अर्जी एडीजे 9 में जज प्रेमलता सैनी ने खारिज कर दी। उपरोक्त मुकदमा बैंक के सीईओ मो. ईकबाल खान ने दर्ज कराया था। परिवादी ने बैंक की पूर्व चेयरमैन फिरोजा बानों सहित अन्य पर साढ़े 3 करोड़ रुपए के गबन करने का आरोप लगाया है। फर्जी दस्तावेजों से ऋण लेने के इस मामले में सुमन का पति महेन्द्र राजोरिया, रानी तिवारी, उसका पति राजकुमार तिवारी सहित अन्य अभियुक्त फरार हैं।

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