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जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने ऑटिज्म बीमारी को लेकर सरकारी ओर से किए जा रहे प्रयासों पर संतोष जताते हुए इस संबंध में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान को निस्तारित कर दिया है। न्यायाधीश केएस झवेरी और न्यायाधीश वीके व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश सोमवार को दिए। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि बीमारी से पीडित को राहत देने के लिए नियम बना लिए गए हैं।

इसके अलावा कलक्टर्स की अध्यक्षता में स्थानीय कमेटी की ओर से रिपोर्ट भी पेश की जा चुकी है। ऐसे में प्रकरण को निस्तारित किया जाए। सरकार की ओर से पेश जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए एकलपीठ ने लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान का निस्तारण कर दिया है। गौरतलब है कि ऑटिज्म के मरीजों के कल्याण के लिए सभी जिलों में कलक्टर की अध्यक्षता में स्थानीय कमेटी गठित करने का प्रावधान है। कमेटी हर तीन माह में बैठक कर रिपोर्ट देगी की मरीजों के कल्याण के लिए क्या किया जा सकता है। प्रकरण में सरकार की ओर से लचर रुख अपनाने पर अदालत ने कुछ माह पहले स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया था।

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