Are the Lt Governor trying to save the corrupt system: Sisodia

नयी दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज उपराज्यपाल अनिल बैजल पर नए सिरे से हमला बोलते हुए पूछा कि क्या वह जन सेवाएं लोगों के घर तक पहुंचाने के आप सरकार के प्रस्ताव को लौटाकर ‘‘भ्रष्ट व्यवस्था को बचाने की कोशिश’’ कर रहे हैं। बैजल ने कल दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को पुनर्विचार के लिए वापस कर दिया था। इस पर सिसोदिया ने ट्वीट किया था, ‘‘भ्रष्टाचार मुक्त शासन उपलब्ध कराने के प्रयासों को ‘‘बड़ा झटका’’। प्रस्ताव में ड्राइविंग लाइसेंस, जाति प्रमाणपत्र और नए पानी कनेक्शन जैसी 40 जन सेवाएं लोगों के घर पर ही उपलब्ध कराने की बात कही गई है। सिसोदिया ने आज बैजल पर हमला बोलते हुए कहा कि क्या उपराज्यपाल के पास निर्वाचित सरकार के फैसलों को लौटाने की शक्ति होनी चाहिए? उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मुझे उनका नोट पढ़कर दुख हुआ। क्या वह भ्रष्ट व्यवस्था को बचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं?’’ प्रस्ताव को ‘‘सुपर डिजिटल प्रदायगी प्रणाली’’ करार देते हुए उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस कदम से लोगों को विभागों तक जाना नहीं पड़ेगा। मौजूदा प्रणाली में लोगों को एक या दो बार सरकारी कार्यालयों में जाना पड़ता है।

सिसोदिया ने कहा, ‘‘लेकिन घर पर ही सेवा उपलब्ध कराने के प्रस्ताव के तहत लोगों को ऐसा करने (सरकारी कार्यालय जाने) की आवश्यकता नहीं होगी और इसकी जगह सरकार द्वारा अधिकृत व्यक्ति खुद ही आवेदक के घर जाएगा और उसके दस्तावेज एकत्र करेगा तथा बायोमीट्रिक रिकॉर्ड लेगा।’’ उपराज्यपाल ने प्रस्ताव लौटाने के अपने फैसले का बचाव किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रस्ताव को ‘‘खारिज नहीं’’ किया गया है। उनके कार्यालय ने कहा है कि प्रस्ताव में महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा संबंधी जटिलताएं हैं। इसने यह भी कहा कि प्रस्ताव में भ्रष्टाचार की संभावना, खराब व्यवहार, निजता के उल्लंघन दस्तावेजों के गुम होने संबंधी जटिलताएं भी हैं और इससे सरकार तथा लोगों के लिए अनावश्यक खर्च बढ़ेगा।

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