नई दिल्ली। दिल्ली एमसीडी चुनाव में किला फतह करने के लिए अब आम आदमी पार्टी अपनी रणनीति में बदलाव करने पर सोच रही है। पार्टी ने इस मामले में तय किया है कि अब वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर सीधा हमला नहीं करेगी। वह अब सिर्फ सकारात्मक प्रचार पर ही अपना फोकस करेगी। दिल्ली की सत्ता पर काबिज आप पार्टी के लिए यह जरुरी है कि वह एमसीडी चुनाव को जीतकर अपना बोर्ड गठित करे। इस लिहाज से यह चुनाव सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए अहम माना जा रहा है। पार्टी अब वहीं रणनीति बनाएगी। जिसके तहत उसने वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में अपनाई थी और धमाकेदार जीत हासिल की थी। इसके लिए पार्टी अब उसी तरह जनता के बीच जाएगी। जिस तहत वह अपने विधानसभा चुनाव के तहत कामों का जिक्र करते हुए गई थी। पार्टी नेताओं का कहना है कि पीएम मोदी को सीधे निशाने पर लेने से बचा जाए। इसके पीछे कारण यह भी है कि जिस तरह से भाजपा को यूपी और उत्तराखंड में जीत मिली उसके मायने देखे जाए और यूपी उत्तराखंड के बाशिंदे जो दिल्ली में निवास करते हैं। उनका दिल हर हाल में जीता जाए। पार्टी नेताओं का मानना है कि पीएम को निशाना बनाने का असर कहीं इन लोगों पर न पड़े और उनके वोट भाजपा के खातों में न चले जाए। स्थिति को देखे तो पिछले लोकसभा चुनावों के बाद से पीएम मोदी लगातार मजबूत होते चले जा रहे हैं। जबकि आम आदमी पार्टी की स्थिति मजबूत होने के बजाय लगातार गिर रही है। इससे बचने के लिए पार्टी अब अपना फोकस करने पर लगी है। आप पार्टी के नेता अब प्रचार के दौरान दिल्ली के उपराज्यपाल के साथ संबंधों का जिक्र बहुत ही कम रहे हैं तो अपना पुराना राग भी नहीं अलाप रहे। पार्टी का ध्यान केवल जनहित के मुद्दों पर ही टिका हुआ है। जिसके तहत बिजली, पानी, मोहल्ला क्लिनिक और शैक्षणिक क्षेत्र में हुए महत्वपूर्ण बदलावों पर है। हाल ही उपराज्यपाल बैंजल ने सीएम को विज्ञापनों की रिकवरी का नोट जारी किया तो पार्टी की ओर से कोई बयान नहीं आया। वहीं विधानसभा चुनावों के बाद सीएम केजरीवाल ने पीएम पर सीधे टवीट करना भी बंद ही कर दिया। जो उनकी एक रणनीति का ही हिस्सा है। इन दिनों केजरीवाल के निशाने पर सिर्फ चुनाव आयोग ही है।

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