जयपुर। राज्य सरकार के प्रयासों से कोयले की उपलब्धता में सुधार देखा जा रहा है। कोल इंडिया से औसतन पांच और विद्युत उत्पादन निगम और अड़ानी के संयुक्त उपक्रम परसाइस्ट व कांटा बेसन से अब कोयले की अधिक रेक डिस्पेच होने लगी है। जहां पहले 12 साढ़े बारह रेक डिस्पेच हो रही थी वह बढ़कर 14 से 15 तक हो गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समीक्षा बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुसार विद्युत निगम के एक एक्सईएन स्तर के अधिकारी सिंगरोली और एक एसई व एक एक्सईएन स्तर के अधिकारी बिलासपुर में तैनात किए गए हैं और यह अधिकारी कोयला की रेक्स समय पर डिस्पेच कराने के प्रयास कर रहे हैं।
आज देर रात तक कोटा ताप विद्युत गृह की यूनिट 6 में 195 मेगावाट का उत्पादन शुरु हो जाएगा। इससे पहले 9 अक्टूबर को कालीसिंध तापीय विद्युत गृह की इकाई 2 में 600 मेगावाट का उत्पादन आरंभ कर दिया गया है। राज्य में 10 अक्टूबर को विद्युत की उपलब्धता बढ़ी है, औसत मांग व अधिकतम मांग में कमी आई है। प्रदेश में 9353 मेगावाट विद्युत की उपलब्धता, 10639 मेगावाट की ओसत मांग व 12000 मेगावाट की अधिकतम मांग रही है। प्रदेश में रोटेशन के आधार बिजली की कटौती की जा रही है। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग व विद्युत निगमों द्वारा बिजली बचत के लिए मीडिया के माध्यम से आमनागरिकों को अवेयर किया जा रहा है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव एनर्जी डॉ सुबोध अग्रवालद्वारा केन्द्र सरकार, कोयला कंपनियों से समन्वय व संपर्क जारी है। इसके साथ ही विद्युत निगमों के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर स्थिति में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं।
दिल्ली, पंजाब और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्रियों द्वारा बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी का मुद्दा उठाने के बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने कोयले के भंडार में कमी के चार कारण बताए हैं। बिजली की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि, सितंबर 2021 के दौरान कोयला खदान क्षेत्रों में भारी बारिश, आयातित कोयले की कीमतों में अभूतपूर्व उच्च स्तर की वृद्धि और मानसून की शुरुआत से पहले पर्याप्त कोयले का स्टॉक न करना।
मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि वे 1.6 मीट्रिक टन कोयला भेजने का प्रयास कर रहे हैं और अगले तीन दिनों में एक दिन में 1.7 मीट्रिक टन तक पहुंचने का प्रयास करेंगे। 7 अक्टूबर, 2021 तक, देश के 135 कोयला संयंत्रों में से 110 गंभीर रूप से कम स्टॉक का सामना कर रहे थे, औसतन 4 दिनों के कोयला स्टॉक के साथ 46 संयंत्रों में 0 या 1 दिन का कोयला भंडार है।
 वहीं, अंतर्राष्ट्रीय स्तर की बात करें तो  चीन में कई फैक्ट्रियां कोयले की आपूर्ति में कमी जुड़ी व्यापक बिजली कटौती के कारण बंद हो गयी। यू.के. में भी ईंधन पंप खाली है और किसी भी तरह की हिंसा को रोकने के लिए देश की सेना को बुलाया गया है। यूरोप में आपूर्ति के कारण सितंबर से अब तक प्राकृतिक गैस की कीमतों में 130% की वृद्धि हुई है।
राजस्थान की बात करें तो कुछ राहत की उम्मीद हो सकती है क्योंकि राज्य को छत्तीसगढ़ कोयला खदानों से 7.5 रेक के बजाय 10 कोयला रेक मिलना शुरू हो गए हैं और सीआईएल से एक अतिरिक्त रेक भी।
देश के दूसरे राज्यो की बात करें तो तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में 9 घंटे बिजली कटौती की जा रही है। पंजाब में ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले की गंभीर कमी के कारण पीएसपीसीएल बिजली उत्पादन में कटौती करेगा और रोटेशनल लोड शेडिंग लगाएगा। उत्तर प्रदेश में  दैनिक आधार पर 1,500 मेगावाट का लोड शेडिंग, छोटे शहरों और गांवों में भारी बिजली कटौती, बड़े शहरी केंद्र और जिलामुख्यालय को अब तक लोड शेडिंग से छूट।

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