जयपुर। विश्वव्यापी महामारी कोरोना से देश और प्रदेश के नागरिक तो घरों में कैद में है, वहीं इसके बढ़ते प्रकोप से लोगों में दहशत का माहौल है। साथ ही इस महामारी के कारण बहुत से व्यवसायों को सीधी तौर पर काफी प्रभावित किया है। होटल, ज्वैलरी, मिठाई, हैण्डीक्राफ्टस, ट्रांसपोर्ट जैसे व्यवसायों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। कोरोना से हॉस्टल व्यवसाय को भी प्रभावित किया है।

लॉकडाउन के कारण प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले और कॉलेजों में अध्ययनरत लाखों छात्र अपने घरों में चले गए, जिससे प्राइवेट हॉस्टल एकदम से खाली हो गए। देखते ही देखते राजस्थान के हजारों पीजी हॉस्टल सूने हो गए। अधिकांश पीजी हॉस्टल किराये के भवनों में चल रहे हैं। हॉस्टल खाली होने से इनका संचालन करने वाले लोगों के समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। हॉस्टल मालिक किराया मांग रहे है। छात्रों के चले जाने से उनके पास पैसा नहीं है। ऐसे में वे किराया नहीं दे पा रहे हैं।

भवन मालिक उन्हें किराया नही देने पर हॉस्टल खाली करने के लिए धमका रहे हैं। राजस्थान पीजी हॉस्टल एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष दिलीप सिंह, महासचिव अजय सिंह एवं सचिव मनीष चौधरी का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण प्रदेश के हजारों हॉस्टल में रहने वाले छात्र कमरा खाली करके चले गए हैं, जिससे बिजली पानी का खर्चा भी नहीं निकल रहा है और अपनी जेबे से बिजली पानी का बिल भुगतना पड़ रहा है। वहीं हॉस्टल के रखरखाव के लिए कर्मचारी को वेतन देना भारी पड़ रहा है। ऐसी गंभीर स्थिति में हॉस्टल के मालिक किराया मांग रहे हैं। किराया नहीं देने पर हॉस्टल को खाली करवाने और सामान जब्त करने का दबाव बना रहे हैं। सरकार एक तरफ तो कह रही है कि इस कोरोना संकटकाल में किराया का दबाव ना डाले, दूसरी तरफ किराया से हॉस्टल चला रहे संचालकों को किराया देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। एसोसिएशन ने राज्य सरकार से हॉस्टलों का किराया माफ करवाने की मांग की है। इस संबंध में राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने का फैसला किया है।

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