लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ सहित कई जिलों में डेंगू ने अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है। बरसात में फैलने वाली इस बीमारी को देखते हुए अब उत्तर प्रदेश सरकार ने डेंगू को लेकर अलर्ट जारी किया है। इसके तहत जनजागरण कार्यक्रम चलाया जाएगा और फीवर हेल्प डेस्क की भी स्थापना राज्य सरकार की ओर से की गई है। उप्र की चिकित्सा सचिव वी़ एच झिमोमी ने बताया कि जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स समिति का गठन किया गया है, जो जिला स्तर पर विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित कर डेंगू तथा अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए कार्यवाही करेगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में नोटिफिकेशन जारी कर इसे ‘नोटिफियेबल डिजीज घोषित कर दिया गया है, जिसके तहत अब निजी चिकित्सालयों, निजी नर्सिंग हो स एवं निजी पैथालॉजी को डेंगू व अन्य वेक्टर जनित रोगों से ग्रस्त मरीजों की सूचना जिले के मु य चिकित्साधिकारी को देनी अनिवार्य होगी, सूचना न देने पर संबंधित श स के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।

सचिव ने बताया कि प्रदेश के सभी जनपदों के मु य चिकित्साधिकारियों द्वारा निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों के साथ बैठक कर भारत सरकार के दिशा-निर्दशन के अनुसार, डेंगू व अन्य वेक्टर जनित रोगों का इलाज करने की व्यवस्था की गई है।योगी सरकार ने डेंगू के मरीजों को सुविधा एवं सहायता हेतु सभी अस्पतालों में (फीवर हेल्प डेस्क) स्थापित किया है। गंभीर मरीजों को केन्द्रों तक ले जाने के लिए नि:शुल्क ‘108Ó एंबुलेन्स सेवा उपलब्ध कराई गई है। हर संवेदनशील शहर एवं गांव में रोस्टर बनाकर मच्छरों को मारने के लिए दवा का छिड़काव व फॉगिंग कराई जा रही है। इसके अलावा, सभी जनपदों में रैपिड रिस्पॉन्स (त्वरित प्रतिक्रिया) टीमों का भी गठन किया जा चुका है। इन टीमों का मु य कार्य डेंगू तथा अन्य वेक्टर जनित रोग के मरीजों के घर जाकर मच्छरों के लार्वा का पता लगाना और उनको नष्ट करते हुए परिवार के सदस्यों को संक्र मण से बचाव की जानकारी देना है।

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