नई दिल्ली। असम और बिहार जहां भारी बाढ़ में डूबे हैं, वहीं, चीन ने इस साल ब्रह्मपुत्र और सतलुज नदियों का हाइड्रोलॉजिकल डेटा साझा नहीं किया है, जैसा कि करता आया है।  विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां बताया, इस साल 15 मई तक चीन की तरफ से हमें आंकड़े नहीं मिले हैं। असम और बिहार में बाढ़ के कारण सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और लाखों हेक्येय्टर की जमीन पानी में डूबी है। भारत और चीन के बीच विशेषज्ञ स्तर का तंत्र मौजूद है जिसे भारत-चीन विशेषज्ञ स्तर तंत्र कहते हैं।
इसकी स्थापना साल 2006 में हुई थी और कुमार ने बताया कि इसकी पिछली बैठक पिछले साल हुई थी। उन्होंने कहा, “दो एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। एक साल 2013 में तो दूसरा 2015 में। इसके मुताबिक चीन हर साल सतलुत और ब्रह्मपुत्र नदियों का हाइड्रोलॉजिकल डेटा साझा करेगा। यह आंकड़े हर साल मॉनसून के दौरान 15 मई से 15 अक्टूबर के बीच साझा किए जाते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या डोकलाम में भड़के तनाव के कारण चीन आंकड़े साझा नहीं कर रहा। प्रवक्ता ने कहा अभी ऐसा कहना ‘जल्दीबाजी’ होगी।

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